बेंगलूरू। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने चुनावों से पहले राज्य के सरकारी कर्मचारी को बड़ा तोहफा दे सकता है। सरकार राज्य बजट में अपने 6.2 लाख कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए 24-30% वेतन वृद्धि की घोषणा कर सकता है और सरकारी कार्यालयों में वैकल्पिक शनिवार की छुट्टियां शुरूआत कर सकता है। राज्य में काफी समय से केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह समान वेतनमान और सप्ताहिक अवकाश की मांग की जा रही थी।
दूसरे और चौथे शनिवार को भी कर्मचारियों को छुट्टी दे सकती है सरकार
वर्तमान में राज्य सरकार के कर्मचारियों की हफ्ते में एक दिन की छुट्टी होती है और इसके अलावा महीने के दूसरे शनिवार को अवकाश रहता है। अब सिद्धारमैया सरकार सरकारी कर्मचारियों को हर दूसरे और चौथे शनिवार को भी कर्मचारियों को छुट्टी दे सकती है। रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक सरकार अगर चौथे शनिवार को छुट्टी देगी तो सरकारी काम को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए रोजाना के काम के घंटे के अवधि बढ़ा सकती है। कर्नाटक में इस साल अप्रैल-मई में विधान सभा चुनाव हो सकते हैं। राज्य के कर्मियों और प्रशासनिक सेवाओं (डीएपीआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, काम के घंटों में कमी न आए इसके लिए सरकार पहले और तीसरे शनिवार को कार्यालय के घंटे में विस्तार करने पर विचार कर रही है।
10,800 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च पड़ेगा सरकार पर
टाइम्स ऑफ इंडिया कि रिपोर्ट के अनुसार, अगर कर्नाटक सरकार कर्मचारियों का वेतनमान बढ़ाने का फैसला लेगी तो सरकारी खजाने से 10,800 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे। कर्नाटक की पिछली सदानंद गौड़ा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने राज्य कर्मचारियों की तनख्वाह में करीब 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इसलिए कांग्रेस सरकार पर उतनी या उससे ज्यादा बढ़ोतरी का दबाव है।
पिछले बजट में बनाई थी समिति
कर्मचारी संघों की मांगों के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पिछले बजट में, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एम आर श्रीनिवास मूर्ति के नेतृत्व में एक समिति की घोषणा की थी जिसमें वेतन और पेंशन में वृद्धि की सिफारिश की गई थी। मूर्ति ने कहा, "हम रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं ... हम जल्द ही इसे पेश करेंगे क्योंकि मुख्यमंत्री ने 31 जनवरी की समय सीमा तय की थी।"