नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की दुहाई देते हुए फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन पर रोक लगाने की याचिका दाखिल करने वाले मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित 4 राज्यों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि इन राज्यों की सरकारें कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाने में नाकाम रहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद चारों राज्यों में फिल्म का प्रदर्शन नहीं हो पाया है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
याचिका कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दाखिल की गई है। इस याचिका में चार राज्यों में पद्मावत को लेकर हिंसा का हवाला दिया गया है। कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही है। राज्य पूरी तरह इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि कानून व्यवस्था राज्यों की जिम्मेदारी है। याचिका में मांग की गई है कि इन राज्यों के चीफ सेकेट्री, होम सेकेट्री और डीजीपी को कोर्ट में तलब किया जाए।
मुख्यमंत्रियों ने किया था फिल्म बैन करने का ऐलान
बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की सीएम वसुुंधरा राजे, गुजरात के सीएम विजय रूपाणी एवं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस फिल्म पर बैन का ऐलान किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इनके बैन को रद्द कर दिया था। इसके बाद शिवराज सिंह एवं वसुंधरा राजे ने सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका दाखिल की थी, वो भी खारिज कर दी गई थी। राज्यों की जिम्मेदारी थी कि वो कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखें परंतु चारों राज्यों में पुलिस की मौजूदगी में हिंसक प्रदर्शन हुए।
करणी सेना के खिलाफ भी याचिका
दूसरी याचिका विनीत ढांडा की ओर अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि फिल्म को सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज करने को हरी झंडी देने के बावजूद हिंसा हो रही है। विनीत ने राजपूत करणी सेना के तीन नेताओं, सूरजपाल, कर्ण सिंह और लोकेंद्र सिंह कलवी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला चलाने की मांग की है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि वो सोमवार को मामले की सुनवाई करेंगे।