भोपाल। 47 दिन तक नीलम पार्क में धरने पर डटे दृष्टिहीनों को एक बार फिर पुलिस ने खदेड़ने की कोशिश। पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारी दृष्टिहीनों ने पुलिस पर हमला किया। तीन वाहनों के कांच फोड़ दिए। सत्यता जो भी हो परंतु नीलम पार्क में करीब 3 घंटे तक हंगामा चलता रहा और पुलिस सभी दृष्टिहीनों को बस में भरकर ले गई। दरअसल, 47 दिन से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे दृष्टिहीन सीएम से मिलने की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को पुलिस ने नीलम पार्क के मेनगेट पर ताला लटका दिया, जिससे नाराज आंदोलनकारियों ने पार्क का गेट तोड़ डाला और तीन वाहनों के कांच तोड़ डाले। दृष्टिहीनों का कहना था कि बातें नहीं आदेश चाहिए।
ये हैं इनकी मांगें
दृष्टिहीन बेरोजगार संघर्ष समिति के बैनर तले रोजगार, शिक्षा, हॉस्टल सहित 23 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर से आए कई दृष्टिहीन नीलम पार्क में धरने पर डटे हैं। इस दौरान इन्होंने जल सत्याग्रह भी किया। 13 जनवरी की रात को भी पुलिस ने इन्हें वहां से खदेड़ दिया था।
ऐसे चला तीन घंटे संघर्ष...
दोपहर करीब 11.55 बजे एएसपी, सीएसपी और टीआई आंदोलनकारियों को मनाने पहुंचे, अफसरों ने कहा आंदोलन खत्म कर दो। आपकी मांगें शासन ने मान ली हैं।
12.15 बजे आंदोलनकारियों ने कहा हमें सीएम हाउस जाने दो सीएम से बात करना है। यह सुनते ही पुलिस ने पार्क के मेन गेट पर ताला जड़ दिया।
12.40 बजे एडीएम मोहित बुंदस भी आंदोलनकारियों को मनाने पहुंच गए। समिति के पदाधिकारियों ने कहा हमारी मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।
12.50 बजे तक इनमें बहस होती रही। इसके बाद दृष्टिहीन भोजन करने बैठ गए। वहां मौजूद अधिकारी भी उठकर चले गए।
2.10 बजे के बाद भोजन के बाद टैंकर पर हाथ धोने गए आंदोलनकारियों ने पार्क के गेट पर लद गए और उसे तोड़ डाला।
2.15 बजे पुलिस ने बेरिकेड्स लगाकर उन्हें रोका। गुस्सा देख पुलिस ने पांच बसें बुला लीं और दृष्टिहीनों को खदेड़कर वाहन में सवार कराने लगे।
दोपहर 3 बजे वाहनों में सवार दृष्टिहीनों ने बसों के अंदर बैठे- बैठे कांच तोडऩा शुरू कर दिया। पांच बसों में तीन बसों के कांच तोड़े गए।