भोपाल। SANCHI ने पिछले दिनों दूध के दाम बढ़ा दिए। अब उसकी इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि भोपाल सहकारी दुग्ध संघ पशुपालकों से जो दूध खरीद रहा है उसकी कीमत उसने 5 रुपए तक घटा दी है। सवाल यह है कि जब सांची को सस्ता MILK मिल रहा है तो महंगा क्यों बेच रही है। पशुपालक किसान भी इससे नाराज हैं। भोपाल सहकारी दुग्ध संघ ने तीन महीने में चार बार खरीदी रेट घटाए हैं। यानी तीन महीने के भीतर किसानों को गाय का एक लीटर दूध बेचने पर 4 रुपए और भैंस के दूध पर सवा पांच रुपए कम किए गए हैं।
इस समय प्रदेश भर में दूध का बम्पर उत्पादन हो रहा है। हालात यह हैं कि सोसाइटियों से मोबाइल पर दूध खरीदी बंद करने को कहा जा रहा है। अकेले भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के पास रोजाना 5 से 6 लाख लीटर दूध की आवक हो रही है। जबकि प्लांट की प्रोसेसिंग क्षमता ही साढ़े तीन लाख लीटर हैं। आवक बढ़ जाने के कारण संघ ने दूध खरीदी के रेट 620 रुपए प्रति किलोग्राम फैट से घटाकर 540 रुपए प्रति किलोग्राम कर दिए हैं। ये रेट तीन महीने के भीतर घटाए हैं। इससे किसानों को जबरदस्त नुकसान पहुंच रहा है। जबकि ग्राहकों के लिए दूध के दाम बढ़ाए गए हैं। यही स्थिति प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, जबलपुर संघ की भी है।
ऐसे समझें कितनी कम हुई दूध की लागत
गाय का दूधः जब दूध का रेट 620 रुपए प्रति किलोग्राम फैट था। तब 4.5 से 4.7 फैट व 27 डिग्री वाला एक लीटर दूध बेचने पर किसान को 29 रुपए 99 पैसे दिए जाते थे। यही दूध जब उसने 540 रुपए प्रति किलोग्राम फैट की दर पर बेचा तो उसे 25 रुपए 84 पैसे दिए गए। यानी एक लीटर पर 4 रुपए 15 पैसे की कमी आई है।
भैंस का दूधः जब दूध का रेट 620 रुपए प्रति किलोग्राम फैट था। तब 6.3 से 6.5 फैट व 27 डिग्री वाला एक लीटर दूध बेचने पर किसान को 39 रुपए 46 पैसे दिए जाते थे। यही दूध जब उसने 540 रुपए प्रति किलोग्राम फैट की दर पर बेचा तो उसे 34 रुपए 34 पैसे दिए गए। यानी एक लीटर दूध पर 5 रुपए 12 पैसे की कमी आई है।