मुंबई। सरकार शत्रु संपत्तियों की नीलामी की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने बरसों पुराने शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन किया है। इसके तहत ऐसी संपत्तियां आती हैं, जिनके दावेदार पाकिस्तान या चीन चले गए हैं और देश में ऐसे लोगों की संपत्ति का कोई दावेदार नहीं है। सरकार ने इसके लिए जो सर्वे किया है, उसमें 9400 से ज्यादा शत्रु संपत्तियों की पहचान हुई थी। जिसकी सरकार नीलामी करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि इस नीलामी के जरिए सरकार को एक लाख करोड़ से ज्यादा की राशि मिलेगी।
इस सबके बीच एक बात ऐसी है, जो शायद ही आपको पता हो। टाटा स्टील, बिरला कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसीसी सीमेंट इन कंपनियों में जो एक चीज सामान्य है, वो है इनमें पाकिस्तानी लोगों की हिस्सेदारी। इस बात को जानकर आप सभी हैरान होंगे कि हिंदुस्तान में 577 कंपनियां है, जिनमें पाकिस्तान के लोगों की हिस्सेदारी है, इसमें से 266 कंपनियां इंडियन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है, तो वहीं 318 ऐसी कंपनियां हैं, जो नॉन लिस्टेड हैं और उनमें पाकिस्तानियों की हिस्सेदारी है।
शत्रु कंपनियों पर ये एजेंसी रखती है निगरानी
दरअसल भारत की कंपनियों में पाकिस्तानियों की हिस्सेदारी पर कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट की निगरानी रहती है। भारत-पाक के बीच 1965 में हुए युद्ध के बाद शत्रु संपत्तियों की निगरानी यही एजेंसी करती है। कस्टोडियन के अनुसार भारत की इन कंपनियों में पाकिस्तानी नागरिकों कि लगभग 400 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी है।
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक देश की 109 पब्लिक लिस्टेड कंपनियों में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी लोगों की हिस्सेदारी है। 1968 में एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट लागू होने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब इस तरह की कोई सूची सार्वजनिक हुई हो। स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों के अलावा देश में ऐसी 468 कंपनियां हैं, जिसमें पाकिस्तानियों की हिस्सेदारी है।
बिड़ला से टाटा तक की कंपनियों में है हिस्सेदारी
पाकिस्तान गए हुए लोगों को कस्टोडियन डिपार्टमेंट, जिन्हें हिस्सेदार रखने का काम करता है उसमें बिड़ला से लेकर टाटा तक की कंपनियां शामिल हैं। एसीसी सीमेंट जोकि टाटा की शेयर होल्डिंग कंपनी है उसमें भी पाकिस्तान के नागरिकों की हिस्सेदारी है। साथ ही हिंदुस्तान मोटर्स जोकि बिड़ला परिवार की कंपनी है, उसमें भी पाकिस्तान के नागरिकों की हिस्सेदारी है। इसके अलावा डालमिया, सिप्ला और विप्रो हिंदुस्तान में भी ये शेयर होल्डिंग हैं।
इन भारतीय कंपनियों में लगा है पाकिस्तानियों का पैसा
1-कंपनी का नाम -सिप्ला
पाकिस्तानी शेयरहोल्डर्स- 34
इतनी कीमत के शेयर- 2.26 करोड़
मूल्य- 1468 करोड़ रुपए
शेयर होल्डर्स के मामले में फार्मा कंपनी सिप्ला पहले नंबर पर है, जिसमें 34 घोषित शत्रु शेयरधारक हैं। जिसकी कुल कीमत 1468 करोड़ रुपए के करीब है।
2 –कंपनी का नाम- विप्रो
पाकिस्तानी शेयरहोल्डर्स- 2
इतनी कीमत के शेयर-1.86 करोड़
मूल्य-1042 करोड़ रुपए
विप्रो वो दूसरी भारतीय कंपनी है, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों की हिस्सेदारी है। विप्रो के इस कंपनी में दो पाकिस्तानी नागरिकों की लगभग 1042 करोड़ का शेयर है। बता दें कि हासिम प्रेमजी जोकि अजीम प्रेमजी के पिता थे उनके बिजनेस का बेस एक समय में कराची ही था।
3 –कंपनी का नाम-डालमिया भारत
पाकिस्तानी शेयरहोल्डर्स – 140
इतनी कीमत के शेयर – 1.88 लाख
मूल्य – 16.42 करोड़ रुपए
डालमिया भारत में भी पाकिस्तानी नागरिकों की बड़ी हिस्सेदारी है।
4- कंपनी का नाम-एसीसी सीमेंट
पाकिस्तानी शेयरहोल्डर्स – 172
इतनी कीमत के शेयर – 3.8 लाख
मूल्य – 52.47 करोड़ रुपए
पाकिस्तानी नागरिकों की हिस्सेदारी एसीसी सीमेंट कंपनी में लगभग 52.47 करोड रुपए की है।
भारत की कंपनियों में पाकिस्तानियों की हिस्सेदारी कितनी ज्यादा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये राशि 2014-15 में पाकिस्तान ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जो बजट रखा था, उससे चार गुना ज्यादा है। वहीं पाकिस्तान की शिक्षा बजट से ये राशि 63 फीसद ज्यादा है।