भोपाल। मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने 21 जनवरी 2018 के आदेश से महिला अध्यापकों को भी सन्तान पालन अवकाश की पात्रता प्रदान कर दी है। राज्य अध्यापक संघ मप्र जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अध्यापक सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2008 में अध्यापकों को शिक्षकों के समान समस्त प्रकार के अवकाश की पात्रता थी बावजूद इसके शासन ने 6 अगस्त 16 को आदेष जारी कर महिला अध्यापकों को सन्तान पालन अवकाष से वंचित कर दिया था।
माननीय उच्च न्यायालय में मामला आने पर न्यायालय ने महिला अध्यापकों को सन्तान पालन अवकाष नहीं देने सम्बंधी आदेष को निरस्त कर दिया था। अतः न्यायालय के आदेश के परिपालन में शासन ने भी उक्त आदेश को निरस्त कर महिला अध्यापकों को भी सन्तान पालन अवकाश की पात्रता प्रदान कर दी है। यद्यपि शासन ने स्कूल शिक्षा विभाग की महिला शिक्षिकाओं हेतु पूर्व में जारी सन्तान पालन अवकाश सम्बंधी आदेश में संशाधन कर दिया है।
जिसके अनुसार सन्तान पालन अवकाश में जाने के फलस्वरूप वह पद रिक्त माना जाकर अन्य शिक्षकों और अध्यापकों के लिये उपलब्ध होगा तथा अवकाश समाप्ति के बाद यदि उक्त पद अन्य शिक्षक या अध्यापक की पदस्थापना से भरा पाया गया तो अवकाश पर गई शिक्षिका या अध्यापिका को अन्य शाला में रिक्त पद पर नियुक्त किया जा सकेगा।
ज्ञातव्य हो कि आदेषानुसार महिला अध्यापकों को अपनी सम्पूर्ण सेवा में दो ज्येष्ठ जीवित सन्तानों की देखभाल के लिये अधिकतम 730 दिवस की सन्तान पालन अवकाश की पात्रता हो गई है। जबकि 160 दिवस का मातृत्व अवकाश पृथक से देय है।