
डॉक्टर को मरीज की तकलीफ समझने या इलाज बताने में आसानी हो। इसके लिए बातचीत रिकार्ड भी की जाएगी। इसके बाद यह CALL ओपीडी में संबंधित कंसल्टेंट को ट्रांसफर की जाएगी। OPD में दिखा चुके मरीज अपने पर्चे व जांच की कॉपी भी WHATSAPP या अन्य माध्यम से टेलीमेडिसिन सेंटर में भेज सकेंगे। डॉक्टर पूरी रिपोर्ट देखने के बाद मरीज को सलाह देंगे। उन्हें बताया जाएगा कि कौन से दवा चालू रखना है कौन सी बंद करना है। दिखाने के लिए कब आना है। साथ ही जरूरत पर दवा भी बदल सकेंगे। दवाओं की जानकारी मरीज तक एसएमएस के जरिए भेजी जाएगी।
सबसे ज्यादा फायदा भर्ती हो चुके मरीजों को
इस सुविधा का सबसे ज्यादा फायदा उन मरीजों को होगा जो अस्पताल में भर्ती रह चुके हैं। ऐसा इसलिए कि भर्ती होने वाले मरीजों का पूरा रिकार्ड अस्तपाल के लोकल नेटवर्क पर रहता है। मरीज का ओपीडी रजिस्ट्रेशन नंबर डालते ही उसकी पूरी जानकारी कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगी। इसके बाद डॉक्टर पूरी हिस्ट्री देखकर मरीजों को सलाह दे सकेंगे। इन मरीजों को भी एसएमएस पर दवा बताई जाएगी। टेलीफोनिक परामर्श का दिन और समय ऐसा रखा जाएगा, जिससे ओपीडी में अन्य मरीजों को कोई परेशानी नहीं होगी।
इन विभागों के लिए शुरू की जा रही सुविधा
पीडियाट्रिक्स, आर्थोपेडिक्स, गायनी, ईएनटी, जनरल मेडिसिन व जनरल सर्जरी विभाग के लिए।
यह होगा फायदा
मरीजों को अस्पताल नहीं आना पड़ेगा।
अस्पताल में मरीजों की भीड़ का दबाव कम होगा।
अस्पताल में आने में मरीज देरी कर देते हैं, टेलीफोनिक फालोअप से वे तय तारीख पर परामर्श ले सकेंगे।
साधारण तकलीफ में ही मरीजों को सही सलाह मिल जाएगी, जिससे बीमारी ज्यादा नहीं बढ़ेगी।
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कुछ विभागों के लिए यह सुविधा शुरू की जा रही है। मरीजों का रिस्पांस देखने बाद अन्य विभागों में भी इसका विस्तार किया जाएगा। इसी महीने से यह सुविधा शुरू होगी। इससे दूर-दराज के मरीजों को काफी सुविधा मिलेगी।
डॉ. राजेश मलिक
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, एम्स भोपाल