रतीराम गाडगेे/टीकमगढ। नगर सैनिक आकाश शुक्ला की हत्या के मामले में मौजूद साक्ष्य और शव की स्थिति देखने के बाद कोई भी यह मानने को तैयार नहीं है कि यह मौत किसी ट्रक के टायर फट जाने के कारण हुई है। लोग एएसआई जयशंकर शुक्ला की कहानी पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं हैं। नजरों पुलिस की जांच रिपोर्ट पर हैं। सवाल सिर्फ एक: क्या जांच निष्पक्ष होगी और सही कहानी सामने आ पाएगी।
मृतक के पिता रामनरेश शुक्ला ने बयान दर्ज कराने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि पहले उन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जाएं जो मौके पर उपस्थित थे या मौका ए वारदात के आसपास थे। उनका दावा है कि मेरे पुत्र की मौत हादसा नही हत्या है। जॉच अधिकारी ने उन्हे पूर्ण भरोसा दिलाया है कि हमारी संवेदनाऐं आपके साथ हैं। तथ्य जुटाए जा रहे हैं। दोषियों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा।
बता दें कि बीती 23 जनवरी की शाम करीब 7 बजे लगभग नगर सैनिक आकाश शुक्ला की मौत के बारे में बताया गया था कि रेत माफिया के ट्रक का टायर ब्लास्ट होने से मौत हो गई है। जबकि मृतक के परिजनों का कहना है कि आकाश शुक्ला की मौत नही हत्या हुई है। टीकमगढ एसपी और एडीसनल एसपी कर रहे हैं।
मौका ए वारदात पर कहानी को प्रमाणित करते तथ्य नहीं
इसके बाद एसपी, एएसपी घटना स्थल बापू नगर पहुॅचे। घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जो तथ्य सामने आये वो चौंकाने वाले हैं। बताया गया था कि टायर ब्लास्ट होने से आकाश शुक्ला की मौत हो गई। घटना स्थल पर ऐसा कोई तथ्य नही पाया गया। टायर फटने से जमीन पर बनने वाला निशान नहीं मिला। घटना स्थल पर एसपी कुमार प्रतीक और एएसपी राकेश खाखा सहित एफएसएल टीम ने निरीक्षण में पाया गया कि जो ट्रक जब्त किए गए हैं वो तो पहले से ही पंचर हैं। ट्रक का टायर ब्लास्ट हुआ प्रतीत नही हो रहा है। बल्कि काटा हुआ लग रहा है। घटना दिनांक के 3 दिन बाद मृतक का वोटर आईडी कार्ड दो टुकडो में मिलना कई सवालों को जन्म दे रहा है। जिसे पुलिस ने जप्त कर लिया।
कुछ सुलगते सवाल
1. जिन ट्रको से हादसा बताया जा रहा है। वो ट्रक 13 जनवरी 2018 को पुलिस ने जप्त किये थे। उक्त ट्रको का जुर्माना ट्रक माफिया ने 22 जनवरी 2018 को कलेक्टर कार्यालय में अदा कर दिया। और रीजलिंग आर्डर 23 जनवरी को प्राप्त कर जप्त ट्रक उठाने गया मालिक जब आल रेडी ट्रक मालिक ने आर्डर प्राप्त कर लिया, तो पुलिस को हस्तक्षेप करने की क्या जरूरत थी। इस बात की पुष्टि माइनिंग इंसपेक्टर पंकज ध्वज ने की।
2. आकाश शुक्ला के मुह से खून आना। स्वेटर फटना, बटन टूटना, पीएम रिपोर्ट में गंभीर चोट को मौत का कारण बताया जाना। ये सबकुछ हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं।
3. मप्र में डायल 100 के सभी वाहन भोपाल कंट्रोल रूम से नियंत्रित होते हैं। फिर इस डायल 100 वाहन को गश्त के लिए उपयोग क्यों किया गया।
4. अगर यह हादसा था, तो जिम्मेदार एएसआई ने आकाश शुक्ला के परिजनों को तत्काल बताने की जगह उसके शव को कई घण्टों तक क्यो छिपाया गया। जबकि थाना के सामने आकाश शुक्ला का भाई दुकान पर बैठा था।