आनंद ताम्रकार/बालाघाट। जिले के कटंगी-तिरोड़ी और खैरलांजी तहसील में सूखे की मार से किसान पीड़ित है। धान की फसल चौपट हो गई है। इन तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित कराने एवं प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिये जाने की मांग क्षेत्रिय विधायक के.डी. देशमुख तथा सांसद बोधसिंह भगत भी कर चुके हैं परंतु मंडी का रिकॉर्ड तो कुछ और ही बयां कर रहा है। मंडी में दर्ज आंकड़ों के अनुसार किसानों ने बंपर बिक्री की है। अब सवाल यह है कि यह जब इलाके में सूखा साफ दिखाई दे रहा है तो मंडी में बंपर खरीदी कैसे हो गई। वो कौन से किसान हैं जिनके खेतों में फसलें लहलहाईं। जांच तो जरूरी है, नहीं तो कृषि मंत्री के जिले में किसानों के नाम पर भ्रष्टाचार का कलंक सुनिश्चित है।
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार धान खरीदी केन्द्रों में
परसवाडाघाट 922800 क्विंटल,
बम्हनी 27529.20,
महकेपार 42867.60,
नांदी 13010.00,
टेकाडी 14790.00,
धनकोषा 0,
कटंगी 38488.40,
बनैरा 3456920,
जरामोहगांव 8267.60,
सिरपूर 22807.20,
मानेगांव 3888.80,
खैरलांजी 1267160,
अतरी सावंगी 27670.00 क्विंटल आवक दर्ज की गई है।
केएल भगत सुपरवाईजर धान खरीदी केन्द्र तिरोडी के अनुसार किसानों की पावती पर ही धान खरीदी की जा रही है किसान धान कहां से ला रहा है इस बारे में कुछ कहा नही जा सकता। बालाघाट जिले के अन्य धान केन्द्रों में ऐसे ही हालात है। कीट प्रकोप और अल्प वर्षा के चलते धान की पैदावार प्रभावित हुई, यह सरकारी रिकॉर्ड में भी दर्ज है। जिसके आधार पर विधायक और सांसद ने क्षेत्र को सूखा प्रभावित घोषित करने की मांग की थी।