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BHOPAL पुलिस ने छात्राओं के बाल पकड़कर खींचा | NATIONAL NEWS

भोपाल। RKDF MEDICAL COLLEGE की मान्यता समाप्त होने के बाद दूसरे कॉलेज में शिफ्ट करने की मांग को लेकर STUDENTS अपने पेरेंट्स के साथ सड़क पर उतर आए। पुलिस ने उन्हे खदेड़ डाला। पुरुष पुलिस कर्मचारियों ने छात्राओं के बाल पकड़कर खींचें। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक महीने बाद भी MEDICAL EDUCATION DEPARTMENT द्वारा इस मामले में कोई फैसला नहीं ले पाया है। शुक्रवार को छात्रों ने मुख्यमंत्री निवास (CM HOUSE) का घेराव किया। छात्र और उनके पेरेंट्स जब विधानसभा का घेराव करने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया और अभद्रता की। 

ऐंबुलेंस को रास्ता देने हटे थे छात्र, पुलिस ने अभद्रता शुरू कर दी
प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंचे आरकेडीएफ के बच्चों को पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए रोका। मौके पर महिला पुलिस नदारद दिखी। जबकि छात्राओं को पुरुष पुलिस कर्मचारियों ने धकियाया। सड़क जाम करते बच्चों को जब सामने एम्बुलेंस आती दिखी तो बच्चे सड़क खाली करने खड़े हो गए। मौका देखकर जाम हटाने के लिए बच्चों से पूरी तरह सड़क खाली कराने के लिए बच्चों के साथ पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया जिसके तहत पुरुष पुलिस ने छात्राओं की चोटी खींची और धक्का मुक्की की। शिफ्टिंग की मांग को लेकर रैली निकालते हुए रौशनपुरा चौराहे से मंत्रालय के प्रतिबंधित क्षेत्र में निकल गए, जहां उन्होंने मांग रखी की मंत्रियों द्वारा इनकी सुनी जाए और समस्या का हल निकाला जाए।

पुलिस से हुई तीखी बहस
इस दौरान छात्रों और उनके पेरेंट्स की पुलिस के साथ तीखी बहस हुई। मौके पर मौजूद पुलिए अधिकारियों ने छात्रों को देर शाम पांच बजे मुख्यमंत्री या अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा राधेश्याम जुलानिया से मुलाकात कराने का आश्वासन देकर प्रदर्शन शांत कराया। हालांकि देर शाम तक भी छात्रों की मुलाकात न तो सीएम से कराई गई और न ही अपर मुख्य सचिव से।

तीन घंटे चला छात्रों का प्रदर्शन
प्रदर्शन में मौजूद छात्रा के पिता रजनीश जैन ने बताया की एडमिशन के दो महीने बाद ही एमआईसी ने आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज की मान्यता समाप्त कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने शासन को आदेश जारी कर सत्र 2017-18 में प्रवेशित 150 छात्रों को दूसरे मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट करने को कहा था लेकिन आदेश जारी हुए एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की। छात्रों का आरोप है कि इस बारे में विभागीय अधिकारी बात तक करने को तैयार नहीं है। छात्रों ने विभागीय स्तर पर फैसला होने तक लगातार प्रदर्शन की बात कही है।

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