नई दिल्ली। फिल्म पद्मावत आज पूरे देश में रिलीज हो गई। चार राज्यों ने हिंसा के भय से रिलीज नहीं करने का फैसला किया है। बावजूद इसके फिल्म को लेकर अलग-अलग इलाकों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस तोड़फोड़ और हिंसा के पीछे कौन है। क्या इसका कोई राजनीतिक मकसद है ? क्या करणी सेना ही जिम्मेवार है ? क्या कोई राजनीतिक पार्टी इसका समर्थन कर रही है ? एक चैनल पर चले स्टिंग ऑपरेशन में इसका मकसद राजनीतिक बताया गया है। भाजपा के एक बड़े नेता ने इसे स्वीकार किया।
महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता राज पुरोहित पार्टी के चीफ व्हीप हैं। उन्होंने एक स्टिंग के दौरान स्वीकार किया कि राजस्थान चुनाव की वजह से हिंसा बढ़ी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मूवी तो सेकेण्ड्री मुद्दा है। अगर कुछ गाड़ियां जलाई जाती हैं तो ऐसा होने दीजिए। पुरोहित साफ तौर पर स्वीकार कर रहे हैं कि करणी सेना को सरकार हर्ट करना नहीं चाहती है। भले ही कुछ संपत्ति (गाड़ियों) को नुकसान पहुंचता है तो होने दो।
वे दावा करते हैं कि करणी सेना के दो गुटों को उन्होंने एक साथ किया। ये भी मानते हैं कि ये फ्रींज तत्व हैं। उनका कहना है कि राजस्थान चुनाव में ये लोग भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों से ज्यादा से ज्यादा सीटें लेने का दावा ठोंकेगे। यह पूछे जाने पर कि आखिर क्या वजह है इसके पीछे, पुरोहित कहते हैं कि यह भाजपा की मजबूरी है। भाजपा के हाथ बंधे हैं। वो आखिर क्या करेगी। आखिर में पुरोहित कहते हैं कि करणी सेना भाजपा की ओर ही जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा राइट विंग पार्टी है।