राम रमापति बैंक (RAM RAMAPATI BANK ) के प्रमुख सेवक विकास मल्होत्रा ने बताया, "शत्रुघ्न सिन्हा के पिता भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा और मां श्यामा देवी ने यहां से राम नाम का LOAN लिया था। उसी कर्ज के आशीर्वाद से उन्हें चार बेटे हुए। उनकी फैमिली अक्सर काशी धार्मिक यात्रा पर आती रही है। प्राइवेसी के चलते किसी भी भक्त की डीटेल्स डिसक्लोज नहीं की जाती। एक साल की पूजा अर्चना के बाद श्यामा देवी मां बनी थीं। उन्होंने यहां चार बेटों के लिए राम नाम का कर्ज लिया था। उन्हें इतने ही बेटे हुए- राम, लखन, भरत और शत्रुघ्न। चूंकि मन्नत राम नाम के आशीर्वाद से पूरी हुई थी, शायद इसलिए उन्होंने बच्चों के नाम राम और उनके तीनों भाइयों के नाम पर ही रखे। और यही कारण है कि शत्रुघ्न ने अपने बंगले का नाम 'रामायण' रखा।
इस वाकये का जिक्र 2016 में पब्लिश हुई भारती एस प्रधान द्वारा लिखी शत्रुघ्न सिन्हा की बायोग्राफी 'Anything But Khamosh' में है। बुक के मुताबिक शत्रुघ्न के माता-पिता भी अपने बच्चों को इस खास बैंक की कृपा मानते थे। यही नहीं, 2014 में दिए एक इंटरव्यू में शत्रुघ्न की वाइफ पूनम ने अपनी सास श्यामा देवी की इस आस्था के बारे में खुलकर बात की थी।
ये है राम नाम का लोन लेने का प्रॉसेस
1926 में शुरू हुए इस अनोखे बैंक में मन्नत मांगने के लिए अकाउंट ओपन करवाया जाता है। मन्नत मांगने वाले को खास कागज और पेन निःशुल्क दिया जाता है, जिस पर उसे एक साल में 1.25 लाख बार 'राम' लिखना होता है। इस एक साल में मन्नत मांगने वाले को सात्विक भोजन पर रहना होता है। मतलब नॉनवेज और प्याज-लहसुन बिल्कुल नहीं। लोन लेने से पहले शपथ पत्र पर मनोकामना की डीटेल्स देनी होती हैं। नाम और प्रक्रिया गुप्त रखी जाती है। खास प्लास्टिक कवर में नाम रखे जाते हैं।
सच्ची साबित हुई थी बैंक से जुड़ी मान्यता
इस बैंक की स्थापना 1926 में दास छन्नू लाल ने की थी। इस बैंक को आज उनके वंशज चला रहे हैं। इस बैंक से जुड़ी एक मान्यता है कि यहां बच्चे की अर्जी एक कपल सिर्फ 4 बार ही दे सकता है। चौथे बच्चे के बाद अर्जी स्वीकार नहीं होती। शत्रुघ्न के पिता के केस में यह मान्यता सच साबित हुई थी। चौथे बच्चे, यानी शत्रुघ्न के बाद वो पांचवीं बार प्रेग्नेंट हुई थीं, लेकिन उनका पांचवां बच्चा मृत पैदा हुआ।
92 सालों में 19 अरब राम नाम की करंसी हुई जमा
वाराणसी की त्रिपुरा भैरवी गली में बने इस धार्मिक बैंक में मुस्लिम देशों समेत ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा और सिंगापुर के लोगों के अकाउंट हैं। 92 सालों में भक्तों द्वारा 19 अरब 22 करोड़ 62 लाख 75 हजार 'श्रीराम' और सवा करोड़ 'शिव' नाम जमा हैं। आम बैंकों की तरह यहां मैनेजर और अकाउंटेंट रखे गए हैं। 21 लाख से ज्यादे लोग इस बैंक से जुड़े हैं। मैनेजर सुमित मेहरोत्रा बताते हैं, "यह बैंक हर रोज सिर्फ तीन घंटे और रामनवमी के मौके पर पूरा दिन ओपन होता है।