हां महिलाओं के पास यह अंग होता है लेकिन और भी बहुत कुछ है | BOLLYWOOD NEWS

Bhopal Samachar
फिल्म पद्मावत को लेकर एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने एक खुलाखल लिखा है। संजय लीला भंसाली को एड्रेस करते हुए उन्होंने अपने ओपन लेटर की शुरुआत ‘At The End of Your Magnum Opus… I Felt Reduced to a Vagina – Only’ हेडिंग से करते हुए की है। स्वरा ने लिखा है कि इस फिल्म के जरिए भंसाली जी ने सती और जौहर प्रथा का महिमामंडन किया है। महिलाओं को ‘वजाइना’ के तौर पर सीमित कर दिया है। फिल्म के आखिर में रानी पद्मावती द्वारा इज्जत की रक्षा के लिए खुद को जला देने के दृश्य है, ‘सर, महिलाओं को रेप का शिकार होने के अलावा जिंदा रहने का भी हक है। 

पुरुष का मतलब आप जो भी समझते हो-पति, रक्षक, मालिक, महिलाओं की सेक्शुअलिटी तय करने वाले, उनकी मौत के बावजूद महिलाओं को जीवित रहने का हक है।’ महिलाएं चलती-फिरती वजाइना नहीं हैं। हां महिलाओं के पास यह अंग होता है लेकिन उनके पास और भी बहुत कुछ है। इसलिए लोगों की पूरी जिंदगी वजाइना पर केंद्रित, इस पर नियंत्रण करते हुए, इसकी हिफाजत करते हुए, इसकी पवित्रता बरकरार रखते हुए नहीं बीतनी चाहिए।

मैं मानती हूं कि यह फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है और सती और जौहर आदि कुप्रथाएं हमारे समाज का ही हिस्सा रही हैं लेकिन फिल्म की शुरुआत में सती-जौहर प्रथा के खिलाफ डिस्क्लेमर दिखा कर निंदा कर देने भर का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इसके आगे तीन घंटे तक राजपूत आन-बान-शान का महिमामंडन चलता है। 

स्वरा भास्कर अनारकली ऑफ आरा, तनु वेड्स मनु, प्रेम रतन धन पाओ, निल बटे सन्नाटा जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!