नम्रता के पॉवरफुल हत्यारे तक CBI भी नहीं पहुंच पाई | CRIME NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। व्यापमं घोटाले से कनेक्टेड मेडिकल स्टूडेंट नम्रता डामोर की रहस्यमयी मौत (MURDER MYSTERY) की गुत्थी अब कभी नहीं सुलझ पाएगी। भारत की सबसे बड़ी और जांच ऐजेंसी जिस पर सारा देश भरोसा करता है, नम्रता डोमोर के उस पॉवरफुल हत्यारे के खिलाफ सबूत नहीं जुटा पाई जिसे इंदौर पुलिस के कई सिपाही भी अच्छी तरह से पहचानते हैं। बताने की जरूरत नहीं कि NAMRATA DAMOR की मौत को कई बार हत्या, आत्महत्या और एक्सीडेंट कहा गया। सच क्या है यह CBI भी पता नहीं कर पाई। 

सीबीआई ने 30 दिसंबर को इंदौर में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में फॉरेंसिक रिपोर्ट और मेडिको लीगल एक्सपर्ट की रिपोर्ट के हवाले से यह बताया है कि नम्रता की हत्या के सबूत नहीं मिले हैं। व्यापमं से जुड़ी मौतों में सबसे रहस्यमयी मौत नम्रता की ही थी। इसमें पहले पुलिस ने और बाद में सीबीआई ने हत्या का मामला दर्ज किया था। 

जनवरी 2012 में नम्रता की लाश उज्जैन के कायथा के पास पटरी किनारे मिली थी। पोस्टमार्टम करने वाली डॉक्टर्स की टीम ने दुष्कर्म की आशंका जताई थी। नम्रता की मौत का रहस्य पता करने आए दिल्ली के टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की भी मौत हो गई थी। इससे पहले नम्रता की मौत पर सवाल उठानने वाला हर व्यक्ति या तो कार्रवाई का शिकार हुआ या एक बयान देने के बाद ही चुप हो गया था। सीबीआई ने 15 जुलाई 2015 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापमं मामले की जांच शुरू की थी। जांच शुरू करते हुए सीबीआई ने व्यापमं से जुड़ी रहस्यमय मौतों के मामले में प्रारंभिक जांच दर्ज की थी जबकि नम्रता की मौत के मामले में हत्या की एफआईआर दर्ज की थी। 

PM और MLC में ही उलझी रही CBI
पोस्टमार्टम करने वाली डॉक्टर्स की टीम ने रिपोर्ट में गले व चेहरे पर खरोंच के निशान के साथ ही दुष्कर्म की आशंका जताई थी। मेडिको लीगल के तत्कालीन डायरेक्टर डॉ. डीएस बडकुर की रिपोर्ट में इसे सुसाइड बताया गया। सीबीआई ने पीएम रिपोर्ट और मेडिकोलीगल रिपोर्ट में विरोधाभास होने पर दिल्ली के एम्स, राममनोहर लोहिया और सफदरजंग अस्पताल के फॉरेंसिक एक्सपर्ट से राय मांगी थी। इसमें भी एक राय नहीं बनी। 

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