भोपाल। व्यापम घोटाले में मध्य प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के लिए भी राहत भरी खबर है। व्यापम घोटाले की जांच करने के तीन साल बाद, सीबीआई को उमा भारती के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिला है। एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार उमा भारती से जुड़े मामले में शुरुआत में जांचकर्ताओं की राय अलग-अलग थी। बाद में सीनियर अधिकारियों के हस्तक्षेप से 'भ्रम' की स्थिति दूर हुई, जिसके बाद अब उमा भारती को भी व्यापम मामले में क्लीन चिट मिल सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि उमा भारती ने ही 2014 में कहा था कि व्यापम घोटाला चारा घोटाले से बड़ा है। उन्होंने ही इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के लिए दबाव बनाया था। उसी साल कांग्रेस ने उमा भारती पर भी इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।
व्यापमं घोटाले में नाम आने के बाद उमा भारती तेजी से सक्रिय हुईं थीं। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह से भी मुलाकात की। बाद में एसटीएफ की तरफ से आधिकारिक बयान दिया गया कि उमा भारती के खिलाफ ना तो उन्हे कोई सबूत मिले हैं और ना ही किसी ने गवाही दी है। एसटीएफ के बाद इस मामले की जांच सीबीआई ने की है।