नई दिल्ली। क्या चायवाले को फायदा पहुंचाने के लिए CBI ने जान बूझकर ओडिशा हाईकोर्ट के एक पूर्व जस्टिस की एक दलाल से बातचीत का टेप लीक किया गया है। यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि यह बातचीत सीबीआई ने TAPE की थी और उसकी सुरक्षा में थी। LEAK हुई बातचीत में दलाल यह साफ कहता है कि 'चाय वाले की सरकार' में सब पर नजर रखी जा रही है। सवाल यह है कि क्या 'CHAY WALE KI SARKAR' को जनता के बीच लोकप्रिय बनाने और भ्रष्टाचार विरोधी प्रमाणित करने के लिए यह टेप षडयंत्रपूर्वक लीक की गई थी।
ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व जज और विवादास्पद PRASAD MEDICAL COLLEGE रिश्वत केस से चर्चा में आए आई एम कुद्दुसी ने इस मामले में तीस हजारी कोर्ट में सीबीआई के खिलाफ याचिका लगाई है। याचिका प्रसाद मेडिकल कॉलेज में रिश्वत से जुड़ी फोन पर की गई बातचीत से जुड़ी हुई है। पूर्व जज कुदुसी ने अपनी याचिका में कहा है कि फोन की बातचीत को सीबीआई ने लीक किया है और इस बातचीत को हाल ही में कुछ चैनल पर प्रसारित किया गया है।
कोर्ट ने रिश्वतखोरी के आरोपी रिटायर्ड जज की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सीबीआई को पूछा है कि प्रसाद मेडिकल कॉलेज केस के सिलसिले में बातचीत के वो रिकॉर्ड सीबीआई की कस्टडी में थे। इसके बाद वो मीडिया के पास कैसे पहुंच गए? सीबीआई की इन्हें लीक करने में कोई भूमिका है या नहीं।
इस मामले में तीस हजारी कोर्ट अब 22 जनवरी को सुनवाई करेगा। ओडिशा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आई एम कुद्दुसी के अलावा प्रसाद मेडिकल ट्रस्ट से जुड़े विश्वनाथ अग्रवाल और बी पी यादव इस केस में आरोपियों की लिस्ट में शामिल हैं। रिटायर्ड जस्टिस आई एम कुद्दुसी को इस मामले में तीस हजारी कोर्ट जमानत पर रिहा कर चुका है।
ये मामला प्रसाद मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीटों को बेचने से जुड़ा हुआ है। इसमें प्रशांत भूषण ने भी शिकायत की थी। बातचीत के जो टेप लीक हुए हैं उनमें भी पैसे के लेनदेन से जुड़ी बातचीत कोड वर्ड में की गई है। सितंबर में इस मामले में ओडिशा हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज समेत 4 लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।