भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा चुनाव 2018 जीतने के लिए कर्जें में होने के बावजूद खर्चे किए जा रहे हैं और बेहिसाब खर्चों के लिए नए लोन लेने के साथ साथ टैक्स भी बढ़ा रहे हैं। मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर पहले से ही कई टैक्स मौजूद थे। पेट्रोल कंपनियों का मुनाफा, मोदी सरकार के टैक्स, मप्र का वैट टैक्स और एक शिवराज सिंह का 4 रुपए प्रतिलीटर अतिरिक्त टैक्स। इस सबके बावजूद सीएम शिवराज सिंह ने पेट्रोल-डीजल पर एक और टैक्स थोप दिया। नया टैक्स 50 पैसा प्रतिलीटर लगाया गया है।
बता दें कि चुनावी साल 2018 में बात बात में करोड़ों खर्च करके जश्न मनाने वाली सरकार हजारों बड़े सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है। इसमें सरकारी खजाने से बड़ी रकम खर्च की जाएगी। सीएम शिवराज सिंह एक गुलदस्ता देने के लिए सरकारी खर्चे पर प्राइवेट प्लेन से गुजरात चले जाते हैं। 2018 में उनकी हवाई यात्राओं की संख्या भी काफी बढ़ जाएगी। यह सबकुछ तब हो रहा है जबकि मप्र का सरकारी खजाना ना केवल खाली है बल्कि डेढ़ लाख करोड़ का कर्जा भी है।
जनहितैषी होने का दावा करने वाली शिवराज सिंह सरकार के तमाम फैसले वोट को ध्यान में रखकर हो रहे हैं। जाति और वर्ग विशेष के वोट को लुभाने के लिए खजाना खाली किया जा रहा है। इसकी भरपाई के लिए आम जनता पर टैक्स थोपे जा रहे हैं। अब तक आप एक लीटर पेट्रोल पर 4 रुपए अतिरिक्त टैक्स दे रहे थे, जो किसी अन्य प्रदेश में नहीं है। अब आप 4.50 रुपए देंगे। चुप रहे तो यह रकम 14 रुपए भी हो सकती है।