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फूलछाप कांग्रेसी कर रहे हैं CM कैंडिडेट घोषित करने की मांग: बावरिया | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस (MPPCC) के प्रभारी दीपक बाबरिया (DEEPAK BABARIA) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपनी ही CONGRESS के उन सभी नेताओं को BJP के इशारे पर काम करने वाला ऐजेंट बता दिया जो मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले CM CANDIDATE घोषित करने की मांग कर रहे हैं। बावरिया ने 'फूलछाप कांग्रेसी' शब्द का उपयोग तो नहीं किया परंतु जिन शब्दों का उपयोग किया, मप्र में उसके लिए 'फूलछाप कांग्रेसी' ही उपयोग किया जाता है। बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया (KAMAL NATH and JYOTIRADITYA SCINDIA ) सहित दर्जनों विधायक एवं प्रभावी नेता मप्र में चुनाव से पहले चेहरा घोषित करने की मांग कर चुके हैं। 

शुक्रवार को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस की बैठक हुई। इसमें प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया भी शामिल हुये। बैठक के दौरान ही कुछ वरिष्ठ नेताओं एवं विधायकों ने चेहरा घोषित किये जाने की मांग दोहराई। इसके बाद दीपक बाबरिया ने मीडिया से जो कुछ कहा वो कांग्रेस की राजनीति में भूचाल ला देने के लिए काफी है। दीपक बावरिया ने कहा कि 'जब समय आएगा तब हम नेता का नाम बताएंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी हमारी पार्टी में फूट डालने की कोशिश कर रही है। इसलिए वह चेहरा घोषित करवाने की मांग उठवा रही है। हम उसके गेम प्लान को समझते हैं, इसलिये अभी इस सवाल का उत्तर नहीं देंगे। 

दिग्विजय सिंह की टोली नहीं चाहती चेहरा घोषित हो
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की टोली नहीं चाहती कि मप्र में चेहरा घोषित हो, क्योंकि दिग्विजय सिंह के गुट में कमलनाथ जैसा प्रबंधन और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसा आकर्षण पैदा करने वाला एक भी नेता नहीं है। हालांकि यह सुनिश्चित है कि मप्र में सबसे ज्यादा टिकट के दावेदार दिग्विजय​ सिंह गुट में ही हैं और जीतने की ताकत भी दिग्विजय सिंह गुट के क्षेत्रीय नेताओं में है परंतु चेहरा बना दिया जाए, ऐसा कोई नेता नजर नहीं आता। 

अजय सिंह और अरुण यादव के अपने गणित हैं
नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह खुद सीएम बनने के सपने देख रहे हैं। उन्हे लगता है कि इस बार कांग्रेस का चेहरा हो ना हो लेकिन जीत सुनिश्चित है। यदि बिना चेहरे के कांग्रेस जीत गई तो सीएम की कुर्सी पर पक्का दावा होगा नहीं तो नेता प्रतिपक्ष का बंगला तो है ही। इधर अरुण यादव भी 'भाग्य का झींका' टूटने का इंतजार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव हार चुके अरुण यादव 2014 से मप्र में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं परंतु अब तक उनकी पार्टी में स्वीकार्यकता ही नहीं है। वो पिछड़ावर्ग कोटा से प्रदेश अध्यक्ष हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि राहुल गांधी गुजरात की तरह मप्र में भी गली गली रैलियां करें, कांग्रेस को जिताएं तो प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सीएम पद पर उन्हे मौका मिल ही जाएगा। प्रभारी दीपक बावरिया इसी गुट की बोली बोल रहे हैं। 

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