
त्रिपाठी ने वीडियो में अन्य सरकारी कर्मचारियों का जिक्र करते हुए तहसीलदार-पटवारी को एसपी-कलेक्टर की तुलना में कम जहरीला बताते हुए कहा है कि ये किसी को काटते हैं तब उसका असर लंबे वक्त में होता है। अपने भाषण में त्रिपाठी ने शिक्षकों का जिक्र करते हुए उन्हें बिना जहर का बताया है।
हालांकि डीपीसी ने अपने भाषण के बारे में सफाई दी है कि उनके भाषण के दौरान उन्होंने जो उदाहरण दिया था उसका मतलब कलेक्टर और एसपी का अपमान करना नहीं था, बल्कि वे भाषण के जरिये शिक्षकों को अपने आप में परिवर्तन लाने की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे कलेक्टर और एसपी दोनों का सम्मान करते हैं।