भोपाल। भोपाल गैंगरेप मामले में सामूहिक बलात्कार को सहमति से बनाए गए संबंध बताने वाली महिला डॉक्टर खुशबू गजभिए और उसकी सीनियर डॉक्टर संयोगिता सहलाम के खिलाफ मप्र मेडिकल काउंसिल ने जांच शुरू कर दी है। इस मामले में आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है जबकि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी विभागीय कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इस मामले में एक जूनियर डॉक्टर को निलंबित कर दिया था जबकि एक सीनियर रेसीडेंट को बर्खास्त किया जा चुका है। एक असिस्टेंट प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट सेकंड ईयर की जूनियर डॉक्टर खुशबू ने तैयार की थी। इसमें असहमति की जगह सहमति से यौन संबंध बनाना लिख दिया गया था। पुलिस के पास यह रिपोर्ट पहुंची तो हड़कंप मच गया। हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया था। मप्र महिला आयोग ने भी संज्ञान लेकर इनका पंजीयन मप्र मेडिकल काउंसिल से निरस्त करने को कहा था। लिहाजा मप्र मेडिकल काउंसिल ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जूनियर डॉक्टर खुशबू गजभिए व सीनियर रेसीडेंट डॉ. संयोगिता सहलाम ने अपना स्टेटमेंट काउंसिल को दिया है। काउंसिल द्वारा बनाई गई विशेषज्ञों की टीम इस मामले की जांच करेगी। इसी टीम के सामने आरोपी डॉक्टरों से पूछताछ की जाएगी। काउंसिल की जांच में भी दोषी पाए जाने पर इन डॉक्टरों का मप्र मेडिकल काउंसिल में पंजीयन निलंबित या निरस्त किया जा सकता है।