
वीडियो में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी विदेशी नेताओं से मिलते हुए असहज रहते हैं। इसमें अलग-अलग तरह के हग्स को लेकर अलग-अलग मजाक कर किया गया है। इस वीडियो में जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ पीएम के हग को 'तुम्हे जाने नहीं दूंगा' हग, मैक्सिको के पीएम के साथ पीएम के हग को 'लेट मी लव यू' हग, फ्रेंच राष्ट्रपति मैक्रों के साथ पीएम के हग को 'ब्रोमांस' और डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम के हग को 'बस बहुत हो गया' हग नाम दिया है। सवाल यह है कि क्या ये उचित है ? और इसकी सीमा कहाँ तक है ?
कांग्रेस के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी ने कहा कि किसी को भी देश का प्रधानमंत्री का इस तरह अपमान नहीं करना चाहिए। कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगना चाहिए। पिछले साल अक्टूबर में खुद राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, "मोदी जी जल्दी कीजिए, लगता है कि ट्रंप को आपके हग की दरकार है। चुनावों के दौरान तो यह छींटाकशी वो रूप ले लेती है,कि मणिशंकर अय्यर जैसे मामले होते है।
कर्नाटक विधानसभा चुनावों के समीप आते ही भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है। दोनों ओर से लगातार एक दूसरे पर जुबानी हमले बोले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर्नाटक दौरे के बाद से यह प्रक्रिया और तेज हो गई है। योगी ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की कड़ी आलोचना की थी। इसके जवाब में कांग्रेस ने एक वीडियो बनाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को जवाब दिया था। जिस पर भाजपा ने कांग्रेस को उसी की भाषा में वीडियो बनाकर जवाब दिया है। कर्नाटक में विपक्ष की भूमिका निभाने वली भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर हिंदुओं की हत्या कराने और किसानों को रुलाने तक का आरोप लगाया है। इसमें मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भी आलोचना की गई है।यह सब क्या है ? इसे अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता से जोडकर देखना तो उन लोगों का अपमान है जो इस माध्यम से सही और सटीक बात कहते है। यह सब बंद होना चाहिए, वास्तव में, दिखावटी प्रतिबन्ध तो खुद मजाक सा लगता है।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।