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प्रकरणों में ये आपत्ति लगा दी गई है कि क्रमोन्नति के प्रस्ताव में शिक्षकों की फर्स्ट ज्वाइनिंग और तत्कालीन प्राचार्य का मतांकन नहीं है। मजेदार बात है कि शिक्षा विभाग के पास शिक्षकों का पूरा रिकार्ड है लेकिन शिक्षकों की सर्विस बुक अपडेट न होने से संकुल प्राचार्यों के माध्यम से शिक्षकों से ही उनकी फर्स्ट ज्वाइनिंग की तारीख और 5 से 7 साल पुरानी सीआर मांगी जा रही है।
कहां से लाएं 7 साल पुरानी सीआर
क्रमोन्नति का लाभ देने के लिए शिक्षकों से 2009-10 की तत्कालीन प्राचार्यों के मतांकन की हुई सीआर मांगी जा रही है। शिक्षकों की परेशानी है कि कई प्राचार्यों के तबादले जिले से बाहर हो गए। ऐसे में तत्कालीन प्राचार्यों से सीआर तैयार कराना टेढ़ी खीर से कम नहीं।
फर्स्ट ज्वाइनिंग को लेकर शिक्षकों का कहना है कि कई शिक्षक ऐसे हैं जिनकी नियुक्ति बल्क में एक साथ हुई थी। ऐसे शिक्षकों की फर्स्ट ज्वाइनिंग के दस्तावेज शिक्षा विभाग के रिकार्ड में जमा हैं। शिक्षक अलग से फर्स्ट ज्वाइनिंग का लेटर कहां से लेकर आएंगे?
ऐसी आपत्तियां कि शिक्षक भी हैं हैरान
2009- 10 की सीआर में तत्कालीन प्राचार्य का मत नहीं
12 और 24 साल में क्रमोन्नति दी इसका स्पष्ट प्रमाण नहीं
प्रथम नियुक्ति कब की आदेश नहीं
शिक्षकों को समयमान क्रमोन्नति का लाभ दिया जा रहा है। कुछ प्रकरणों में दस्तावेज पूरे न होने के कारण आपत्ति लगाई गई हैं। संकुल प्राचार्यों से आपत्त्यिों का निराकरण कराने कहा गया है।
एनके चौकसे, डीईओ
शिक्षकों की सीआर डीईओ कार्यालय में हर साल जमा करने के प्रावधान है। डीईओ कार्यालय में सीआर सेक्शन ही नहीं है। अब समयमान, क्रमोन्नति के लिए सीआर, प्रथम नियुक्ति संबंधी आपत्ति लगाकर शिक्षकों को परेशान किया जा रहा।
डीके श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष, प्रांतीय शासकीय शालेय व्याख्याता एवं प्राचार्य संघ