पिता की सेवा ना करने वाले प्राइवेट कर्मचारी की सेलेरी काटने के आदेश | EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। कटारा हिल्स मे रहने वाले श्याम सुंदर शर्मा की खुद की औलाद नहीं थी, तो उन्होंने 1968 में अपनी बहन के चार बच्चों में से सबसे छोटे बेटे को गोद लिया था। उस समय उसकी उम्र 2 वर्ष थी। उसे पाल-पोसकर अपने पैरों पर खड़ा किया सोचा कि बुढ़ापे का सहारा बनेगा, लेकिन नौकरी लगवाने के बाद शादी की। इसके बाद वह पिता को छोड़कर और सारी संपत्ति हड़पकर पिता को दर-दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर कर चला गया।

इस मामले में सुनवाई करते हुए बुधवार को एसडीएम टीटी नगर संजय श्रीवास्तव ने आनोखा आदेश दिया है। दत्तक पुत्र महावीर प्रसाद शर्मा राजस्थान के जिस चित्तौड़गढ़ स्थित चंदेरिया सीमेंट फैक्ट्री में काम करता है उसके प्रसीडेंट को टीटी नगर एसडीएम ने नोटिस जारी किया है।इस नोटिस में उन्होंने दत्तक पुत्र की सेलेरी में से प्रतिमाह 10 हजार स्र्पए वसूल करने के लिए कहा है। इतना ही नहीं एसडीएम ने कंपनी से यह भी पूछा है कि महावीर प्रसाद दस हजार स्र्पए प्रतिमाह देने में सक्षम है या नहीं । यदि संभव हो तो भरण पोषण अधिनियम के तहत पिता के अकाउंट में यह राशि सेलेरी में से काटकर जमा करावाई जाए, क्योंकि अगस्त 2015 से पिता के अकाउंट में महावीर ने कोई राशि जमा नहीं की है।

लिखित अनुबंध भी तोड़ चुका है बेटा
बीएचईएल में मार्केटिंग मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त श्याम सुंदर शर्मा ने अपने दत्तक पुत्र महावीर प्रसाद शर्मा के खिलाफ 12 फरवरी 2012 को डीजीपी नंदन दुबे से लिखित शिकायत की थी। इस पर मामला बागसेवनियां पुलिस को स्थानांतरित किया गया था। जिसमें तत्कालीन थाना प्रभारी सीपी द्विवेदी ने समझौता करा दिया था। इसमें महावीर शर्मा ने अपने पिता श्याम सुंदर को एकमुश्त रकम एक लाख 13 हजार रुपए देने का लिखित अनुबंध भी किया था, लेकिन बाद में मुकर गया।

कोर्ट के नोटिस पर भी नहीं आया बेटा
श्याम सुंदर शर्मा ने पुत्र के खिलाफ भरण पोषण अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रमुख सचिव रहे मनोज श्रीवास्तव को लिखित में शिकायत दर्ज कराई। इस पर मनोज श्रीवास्तव ने यह मामला तत्कालीन भोपाल कलेक्टर निशांत वरवड़ेे को स्थानांतरित कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। निशांत वरवड़े ने यह मामला एसडीएम टीटी नगर को सुनवाई कर न्याय करने के लिए दिया था।

इस मामले में इस मामले में 18 अगस्त 2013 को टीटी नगर एसडीएम ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में रह रहे उनके बेटे को एसडीएम कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए थे, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। बार-बार नोटिस जारी करने के बाद भी जब दत्तक पुत्र उपस्थित नहीं हुआ तो एसडीएम ने कंपनी को नोटिस जारी कर सेलेरी में से एक लाख 20 हजार स्र्पए वसूलने के आदेश दिए है।

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