
राज्य सरकार ने 2013 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले प्रदेश में संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी। भर्ती नियम तैयार करते-करते चुनाव भी हो गए। इसके बाद से सरकार दो बार नियम जारी कर चुकी है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) 3 बार परीक्षा की संभावित तारीखें घोषित कर चुका है, लेकिन भर्ती नहीं हो रही।
इस बीच शिक्षकों के रिक्त पद 22 हजार से बढ़कर 41 हजार तक पहुंच गए। आखिरकार वित्त विभाग की आपत्ति के बाद कैबिनेट को 9 हजार 560 पद कम करने पड़े। अब 31 हजार 645 पदों पर भर्ती होना है। जबकि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 41 हजार 218 शिक्षकों की कमी है।
75 हजार अतिथियों को साधने की कोशिश
सरकार 10 साल से सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे 75 हजार अतिथि शिक्षकों को खुश करने की कोशिश में लगी है। उन्हे बोनस अंक देने की घोषणा की गई थी परंतु अतिथि शिक्षकों ने इसे अस्वीकार कर दिया। अब सरकार के पास कोई नया रास्ता नहीं है। सीएम शिवराज सिंह ने पिछले दिनों 50 प्रतिशत महिला आरक्षण का ऐलान भी कर दिया है।