नई दिल्ली। भारत सरकार के खुफिया सूत्रों ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि 2017 में पाकिस्तानी और आतंकवादी हमलों में भारत के कुल 28 जवान शहीद हुए जबकि भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 138 सैनिकों को मार गिराया गया। बता दें कि पिछले दिनों लोकसभा में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा था कि '1 के बदले 10 सिर' काटने वाले ऐलान का क्या हुआ। माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट उसी का जवाब है।
सूत्रों का कहना है कि अक्सर यह देखने को मिलता है कि पाकिस्तानी सरकार अपने सैनिकों की मौत को स्वीकार ही नहीं करती। खुफिया सूत्रों का कहना है कि सीमा पर मारे जाने वाले सैनिकों को पाकिस्तानी सरकार आम नागरिक बताती है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने पिछले साल घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों पर काफी सख्त रुख अपनाया था।
सूत्रों के अनुसार कि साल 2017 में सीमा पर हुई गोलीबारी में पाकिस्तान के 138 सैनिकों की जानें गईं और 158 सैनिक घायल हुए। वहीं, इस दौरान 70 भारतीय सैनिक घायल हुए। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों की मौत पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। हालांकि, सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा है कि भारतीय सेना सीमा पर होने वाली गोलीबारी का कड़ा जवाब देती है और आने वाले दिनों में भी ऐसा करना जारी रखेगीं
एक आंकड़े के मुताबिक 2017 में पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम तोड़ने की 860 घटनाएं हुईं, जबकि 2016 में ऐसी 221 घटनाएं ही हुई थीं। भारतीय सेना का कहना है कि पाकिस्तान अपने सैनिकों की मौतों को कभी स्वीकार नहीं करता है। करगिल युद्ध में भारत के सबूत दिए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने अपने सैनिकों की मौत से इनकार किया था।
भारत सरकार के खुफिया सूत्रों ने 25 दिसंबर को हुई घटना का भी हवाला दिया, जब पांच पाक सैन्य कमांडो ने सीमा पार कर ली थी और उसमें से तीन कमांडो मारे गए थे। पहले पाकिस्तानी सेना ने एक ट्वीट करके इन मौतों की जानकारी दी थी, लेकिन बाद में यह ट्वीट डिलीट कर दिया। दो दिन बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने इस बात से इनकार किया था कि भारतीय सेना की गोलीबारी में तीन पाक सैनिक मारे गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने एलओसी पर स्नाइपर फाइरिंग में 27 पाक सैनिकों को मारा, जबकि पाकिस्तान की ओर से की गई ऐसी कार्रवाई में 7 भारतीय सैनिक मारे गए। भारतीय सेना लगातार कोशिश में है कि पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के गठजोड़ का मजबूती से सामना किया जाए। पिछले साल मई में भारतीय सेना ने कहा था कि वह एलओसी पर पाकिस्तानी सेना के बंकरों को निशाना बना रही है। इसके कुछ दिनों बाद ही दो भारतीय सैनिकों के सिर काट लिए गए थे।