कहते है हीरा कोयले से ही बनता है। कोयले की खदान मे बहुत उच्चतर ताप पर कोयला ही हीरा बनता है। विश्व के जिस भूभाग पर सूर्य की सीधी किरणें पड़ती है वहां अत्यधिक गर्मी पड़ती है। इसलिये इस क्षेत्र के लोग काले पड़ जाते है। भारत का दक्षिण भूभाग दक्षिण अफ्रीका मे यही स्थिति है। यहां के लोगो का रंग सामान्यतः काला होता है। शनिदेव का रंग भी काला और नीला होता है। शुक्र ग्रह का शनि से विशेष प्रेम होता है। मंगल ग्रह शनि की राशि मे उच्च का होता है इसीलिये दक्षिण पश्चिम दिशा के भूभाग मे फैशन, फिल्म, कला की ओर खास झुकाव रहता है और यहां के सामान्य चेहरे वाले लोग कड़ी मेहनत से फिल्म इंडस्ट्री मे सुपरस्टार बन जाते है।
सुपर स्टार रजनीकांत की जन्मपत्रिका का विश्लेषण
दक्षिण के फिल्मी भगवान रजनीकांत का जन्म महाराष्ट्र में 12 दिसम्बर 1950 को एक मध्यमवर्गीय परिवार मे सिंह लग्न और मकर राशि मे हुआ। जन्म राशि का स्वामी शनि है।
मंगल उच्च राशि का चंद्र के साथ शत्रु स्थान मे बैठकर प्रबल शत्रुहंता और महान भाग्यशाली बना रहा है। पंचम भाव को मनोरंजन का भाव कहा जाता है, जहां शुक्र और बुध की युति है।
पंचम भाव का स्वामी गुरु लग्न पर दृष्टि डालकर मान सम्मान और यश दे रहा है। लग्न का स्वामी सूर्य जनता स्थान मे बैठकर मान सम्मान और जनता मे सुपरस्टार बना रहा है। रजनीकांत का भाग्य बलवान है जो उन्हे कंडक्टर से सुपरस्टार की स्थिति तक ले गय़ा, इसमें कोई शक नहीं। भाग्य का स्वामी मंगल छठे स्थान मे उच्च राशि मे है। जन्म से अभी तक दशाक्रम भी शानदार था।
राजनीति मे भविष्य
दक्षिण भारत की राजनीति और फिल्मों मे गहरा सम्बंध है, 2018 अप्रेल से इन्हे शनि की दशा समाप्त होकर बुध की दशा लगेगी। सिंह लग्न और मकर राशि मे बुध इतना बलवान नही होता की उन्हे तूफ़ानी सफलता दे और राजनीति का क्षेत्र भी फिल्मी दुनिया से अलग है। इसीलिये रजनीकान्त को सावधानी से क़दम रखना होगा अन्यथा कहीं ऐसा ना हो की नये व्यापार मे भाग्य आजमाने के चक्कर मे सारी जमापूंजी और करियर बरबाद हो जाये।
*प,चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"*
9893280184,700046093