नई दिल्ली। भारत में FACEBOOK और WHATSAPP जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म यदि सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं तो इसके पीछे एक बड़ा हाथ इस पर आने वाली NEWS का भी है। लोगों को एक ही जगह पर अपने परिवार, दोस्त और न्यूज अपडेट्स मिल जाते हैं। दुनिया के सबसे बड़े मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक का कहना है कि पत्रकारों (JOURNALIST) ने फेसबुक पर न्यूज देकर उसकी लोकप्रियता बढ़ाई है, न्यूज के कारण लोग ज्यादा समय तक फेसबुक पर रहते हैं और बार बार वापस आते हैं अत: फेसबुक को चाहिए कि वो पब्लिशर्स/पत्रकारों को इसके लिए पैसा दे ताकि ज्यादा से ज्यादा सटीक और सही खबरें आएं।
मीडिया मुगल मर्डोक ने अपने लेटर में लिखा, 'फेसबुक और गूगल ने अपनी अलगॉर्थम के जरिए सनसनीखेज न्यूज चलाने वाली वेबसाइट्स को पॉपुलर कर पैसे तो कमा लिए लेकिन ऐसी वेबसाइट्स भरोसेमंद खबरें नहीं देती हैं।' न्यूज कॉर्पोरेशन के एग्जिक्युटिव चेयरमैन ने आगे लिखा, 'मुझे इसमें कोई शक नहीं है कि मार्क जकरबर्ग (फेसबुक के संस्थापक) ईमानदार व्यक्ति हैं, लेकिन इन प्लैटफॉर्म्स पर पारदर्शिता की भारी कमी है जो पब्लिशर्स के अलावा राजनीतिक पक्षपात को खतरनाक मानने वालों के लिए चिंताजनक है।'
उन्होंने कहा, 'समय आ गया है कि दूसरे तरीकों पर विचार किया जाए। अगर फेसबुक भरोसेमंद पब्लिशर्स को मान्यता देना चाहता है तो उसे इन न्यूज कंपनियों को फीस देनी चाहिए, इसके लिए केबिल कंपनियों के मॉडल को अपनाया जा सकता है।' यूजर्स को न्यूज फीड में दोस्तों और परिवारवालों के ज्यादा अपडेट्स दिखाने का बदलाव फेसबुक के सीईओ जकरबर्ग ने कुछ दिनों पहले किया था। इसके अलावा फेसबुक ने भरोसेमंद, जानकारी देने वाली और स्थानीय खबरों को तरजीह देने की भी घोषणा की थी।
पिछले हफ्ते जकरबर्ग ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा कि यह जरूरी है कि न्यूज फीड में हाई क्वॉलिटी न्यूज प्रमोट की जाए जिससे यूजर्स को बेहतर कॉन्टेंट मिल सके। न्यूज पब्लिशर्स अपने समाचारों और कॉन्टेंट के जरिए फेसबुक को बेहतर बना रहे हैं लेकिन उन्हें इसके लिए कोई पैसा नहीं मिल रहा है। मर्डोक ने कहा कि पब्लिशर्स को पैसा देने से फेसबुक के प्रॉफिट्स पर बहुत कम असर पड़ेगा लेकिन इससे पब्लिशर्स और पत्रकारों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।