
वर्तमान में रेलवे स्टेशन पर चौबीस घंटे इलाज की कोई सुविधा नहीं है। जब भी ट्रेन में सफर के दौरान व प्लेटफाॅर्म पर यात्रियों की तबीयत बिगड़ती है, तो रेलवे अस्पताल से कॉल पर डॉक्टर बुलाए जाते हैं। इसके बाद यात्रियों को इलाज मिल पाता है। इसमें रेलवे प्रबंधन और यात्री दोनों को परेशानी होती है।
रेलवे देगा बिजली और पानी का खर्च
मिनी अस्पताल के संचालन में बिजली व पानी का खर्च रेलवे वहन करेगा। इसके अलावा रेलवे निजी अस्पताल व उसके डॉक्टरों को कोई शुल्क नहीं देगा। यहां तक की दवाईयों का खर्च भी हॉस्पिटल को करना होगा। भोपाल रेल मंडल ने इसके लिए आवेदन मंगाए थे, जिसमें दो निजी हॉस्पिटलों ने आवेदन किए थे। उनमें से एक अस्पताल को चुन लिया गया है।