भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में महिला अध्यापकों के मुंडन एवं दिव्यांगों को बलपूर्वक हटाने के मामले में भाजपा का आधिकारिक बयान सामने आया है। भाजपा के भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि कर्मचारी हों या मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले अन्य प्रदर्शनकारी, उन्हें ये सोचना चाहिए कि मांगें ऐसी की जाएं जिन्हें सरकार पूरा कर सके और दूसरे कर्मचारियों पर उसका बुरा असर न पड़े। बता दें कि महिला अध्यापक शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग कर रही थीं, जिसका वादा भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी किया था।
राहुल कोठारी ने कहा कि कर्मचारियों को आंदोलन करने के पहले ये सोचना चाहिए कि कौन सी मांगे जायज हैं और कौन सी नहीं। सरकार संवेदनशील है और सभी के लिए अच्छी व्यवस्थाएं देती आ रही है। 14 वर्षों से लगातार वेतन देती आ रही है अच्छी सैलरी देती आ रही है। ऐसे में ऐसी मांगें नहीं की जाना चाहिए जो सरकार के लिए मानने में मुश्किल हो या बाकी के कर्मचारी नाराज हो जाएं।
बता दें कि महिला अध्यापकों के मुंडन की आग पूरे प्रदेश में भड़क गई है। प्रदेश भर में अध्यापक मुंडन करा रहे हैं। अब तक 350 से ज्यादा अध्यापक मुंडन करा चुके हैं। अध्यापक अब आर पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं और शिल्पी शिवान के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं। सरकार बैकफुट पर है। सीएम शिवराज सिंह ने अपने ही पुराने वादे पर कोई नया बयान नहीं दिया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने भी उनकी मांगों का समर्थन किया है।