सागर। डाक अधीक्षक केके दीक्षित के घर बीते रोज हुए पार्सल बम ब्लास्ट का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में डाक विभाग के ही एक बर्खास्त कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि कर्मचारी के खिलाफ गबन का केस दीक्षित ने ही बनाया था। कर्मचारी ने उसकी हत्या करने के लिए पार्सल बम बनाकर भेज दिया। बता दें कि इस हादसे में डाक अधीक्षक का बेटा सहित 3 लोग घायल हुए हैं। धमाका इतना तेज था कि आसपास के कमरों तक असर गया। तीनों खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे।
आईजी ने बताया कि आरोपी से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि हेमंत साहू डाक विभाग का ही बर्खास्त कर्मचारी है। जिसने करीब 2 साल पहले रहली में पोस्ट ऑफिस में गबन किया था। कर्मचारी हेमंत साहू के खिलाफ केके दीक्षित ने करीब 35 लाख रुपए गबन का केस बनाया था। इसके बाद से आरोपी दीक्षित के प्रति रंजिश बनाए हुए था। आरोपी हेमंत साहू के अनुसार उसने गूगल सर्च इंजन पर बम बनाना सीखा और उसने विस्फोटक व इलेक्ट्रिसिटी पर आधारित एक बम तैयार किया, इस बम को विस्फोट करने के लिए महज डिवाइस को विद्युत से कनेक्ट होना था। जैसे ही डिवाइस बिजली से कनेक्ट होगी, ब्लास्ट हो जाएगा। दीक्षित के घर ऐसा ही हुआ, इसके बाद ब्लॉस्ट हो गया था।
पूरे परिवार को बम से उड़ाना चाहता था
मामले के खुलासे के बाद सागर रेंज सतीश चंद्र सक्सेना प्रेस वार्ता आयोजित की, जहाँ उन्होंने बताया कि वारदात का मुख्य सरगना हेमंत उर्फ आशीष साहू है। जो कि केके दीक्षित और उसके परिवार को बम से उड़ाकर हत्या करना चाहता था। ब्लास्ट के बाद से ही पुलिस गंभीरता से जांच में जुट गई थी। जिसमें एफएसएल, एटीएस जबलपुर सहित अन्य की भी मदद ली गई। जांच में पुलिस की टीम को कई सुराग मिले, पुलिस ने जब भेजे गए पॉर्सल का एड्रेस किया तो वह फर्जी निकला। वहीं पुलिस ने पोस्टऑफिस की भी छान बीन की और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसके बाद पुलिस ने देर रात वारदात के सरगना को गिरफ्तार कर लिया।