भोपाल। म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि 22 नवम्बर को दाण्डी यात्रा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने गये संविदा कर्मचारियों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद नये वर्ष में नियमितीकरण की उम्मीद लगाए बैठे संविदा कर्मचारियों के अभी तक आदेश जारी नहीं हो पाने से नाराज संविदा कर्मचारियों ने सरकार से अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। इसलिए संविदा कर्मचारियों ने चरणबद्ध आंदोलन के 7 वें चरण में 5 फरवरी को भोपाल सहित पूरे प्रदेश के सभी जिलों में जिला मुख्यालयों के सामने घंटी बजाकर कर कुम्भकरणीय सरकार को नींद से जगाने का काम करेंगें।
उसके बाद 10 फरवरी से सभी विधायकों और मंत्रियों के निवास पर सुंदरकांड का पाठकर अपनी समस्याओं से अवगत करायेंगें तथा 16 फरवरी से राजधानी भोपाल में क्रमिक धरना आयोजित कर सत्याग्रह किया जायेगा। जिसमें हर दिन 2-2 जिले भोपाल आकर क्रमिक धरना देंगें। क्रमिक धरना देकर सरकार की नींद हराम करेंगें। उसके पश्चात् आधे दिवस की हड़ताल करेंगें। उसके बाद अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगें। सत्याग्रह के दौरान सरकार से प्रदेश के सभी विभागों और योजनाओं में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों को नियमित करने तथा हटाए गये संविदा कर्मचारियों को वापस लिये जाने की मांग की जायेगी।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि एक तरफ तो सरकार पीछे के दरवाजे से नियुक्त हुऐ गुरूजी, पंचायत कर्मी, शिक्षाकर्मी, दैनिक वेतन भोगी, अतिथि शिक्षक सभी को नियमित कर रही है वहीं दूसरी तरफ विधिवत् चयन प्रक्रिया के माध्यम् से नियुक्त हुऐ संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं कर रही है जो कि यह दर्शाता है कि सरकार की मर्जी है जिसे चाहे में नियमित करूं जिसे चाहे संविदा पर रखुं।