भोपाल। मप्र संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 फिलहाल अटक गई है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड पूरी तैयारियां किए बैठा है परंतु शिक्षा विभाग इस मामले में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पा रहा है। अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के लिए संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया गया था परंतु अब सीएम शिवराज सिंह ने अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया ही खतरे में आ गई है। अधिकारियों से लेकर मंत्री तक किसी के पास जवाब नहीं है कि अब भर्ती प्रक्रिया क्या होगी और क्या संविदा शिक्षक पदनाम शेष रह जाएगा।
नई समस्या क्या है
नई समस्या यह है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ अध्यापक 'पदनाम' भी समाप्त हो जाएगा। वो सहायक शिक्षक, शिक्षक और वरिष्ठ शिक्षक होंगे। अत: स्वभाविक है कि संविदा शिक्षक पदनाम भी समाप्त हो जाएगा। अब सरकार को तय करना है कि स्कूलों में जो टीचर्स के 40 हजार पद रिक्त हैं, उन्हे किस नाम से पुकारा जाए। सारी कागजी कार्रवाई दोबारा की जाएगी।
अतिथि शिक्षकों का क्या होगा
अतिथि शिक्षकों को मप्र संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 25 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया था। अतिथि शिक्षक इसके बाद भी नाराज ना हों, इसके लिए सरकार बातचीत कर रही थी परंतु अब जबकि संविदा शिक्षक भर्ती ही बदल जाएगी तो अतिथि शिक्षकों का क्या होगा। क्या उनके लिए कोई नई परीक्षा आयोजित की जाएगी या फिर 40 हजार रिक्त पदों के लिए जिस नए 'पदनाम' से नई प्रक्रिया शुरू होगी उसमें आरक्षण किया जाएगा।
व्यापमं प्रबंधन परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक अशोक भदौरिया ने भोपाल समाचार को बताया कि वो अतिथि शिक्षकों की भर्ती परीक्षा आयोजित करवाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं परंतु अब जबकि 28 जनवरी हो गई है, तो यह परीक्षाएं किसी भी हालत में फरवरी में आयोजित नहीं कराई जा सकतीं। नया शिक्षासत्र अप्रैल 2018 से शुरू हो रहा है। राज्य शिक्षामंत्री दीपक जोशी ने भोपाल समाचार से कहा था कि 1 अप्रैल 2018 नए शिक्षा सत्र से पहले भर्तियां पूरी कर ली जाएंगी। सीएम के संविलियन के ऐलान के बाद अब वो कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं हैं।