श्योपुर। सहारिया जनजाति वर्ग के युवाओं ने सरकारी नौकरी (GOVERNMENT JOB) पाने के लिए निजी स्कूलों (PRIVET SCHOOL) से कक्षा आठवीं की 80 और 90 फीसदी अंकों की फर्जी मार्कशीट (FAKE MARK-SHEET) बनवाकर कलेक्टोरेट में पेश कर दीं। संदेह होने पर कलेक्टर ने भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। इसके लिए आवेदन 9 जनवरी तक जमा होने थे लेकिन कलेक्टर पीएस सोलंकी ने संदेह होने पर 5 जनवरी को ही यह भर्ती निरस्त कर दी। कलेक्टर ने इस भर्ती को मेरिट के बजाए पात्रता परीक्षा कराने के लिए सरकार से मार्गदर्शन मांगा है। कलेक्टर को संदेह है कि उम्मीदवारों ने मेरिट में स्थान बनाने के लिए निजी स्कूलों से ज्यादा अंकों वाली मार्कशीट तैयार करवा ली। कलेक्टर ने ऐसे निजी स्कूलों का रिकार्ड भी तलब किया है।
आवेदनों की जांच में प्रथम दृष्टया सामने आया है कि इन पदों के लिए आए 379 आवेदकों ने निजी स्कूल की मिडिल की अंकसूचियां पेश की हैं। सभी के नंबर 80 से 90 फीसदी के बीच हैं। यही बात कलेक्टर को खटकी और उन्होंने भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी।
इन आवेदकों की अंकसूची 90% की
क्लर्क के लिए आवेदन करने वाले सुनील आदिवासी कराहल की निजी स्कूल की अंकसूची है। उनके आठवीं में 94 फीसदी अंक हैं। रामजीलाल आदिवासी श्योपुर की अंकसूची में 85 फीसदी अंक दर्शाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इन सभी निजी स्कूलों के नाम कलेक्टर ने डीईओ से मांग लिए हैं।
सहारिया वर्ग के बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे थे। इनकी प्रारंभिक जांच में ही मिडिल की अंकसूचियां फर्जी होने का संदेह है। इसलिए भर्ती प्रक्रिया को रोका है।'
पीएल सोलंकी, कलेक्टर