
पैरेंटस का कहना है कि गंगई सरकारी स्कूल में शैक्षणिक व्यवस्था पटरी से उतर आई है, बच्चों से शौचालय साफ कराया जा रहा है और इसकी जानकारी तक उन्हें नहीं दी गई है। बच्चियों के पैरेंटस का कहना है कि इसकी जानकारी उन्हें न बच्चों ने दी और न ही स्कूल के टीचरों ने। अभिभावक राजेश सेन ने बताया कि वह अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजते हैं न कि काम करने के लिए अगर काम ही कराना है तो घर में ही कराएंगे स्कूल क्यों भेजेंगे।
पानी डलवाना सफाई करना नहीं होता है
शिक्षक संतोष तिवारी का कहना है कि बच्चियां सिर्फ शौचालय में पानी डालती है और पानी डालना साफ करना नहीं होता है। शिक्षक का कहना है कि स्कूल में उसके अलावा कोई दूसरा शिक्षक नहीं है, इसलिए स्कूल की साफ-सफाई कराने में परेशानी होती है।
कुछ बोलने पर आंख दिखाती हैं मैडम
स्कूली छात्राओं ने बताया कि सफाई कर्मी की तरह वह रोजाना शौचालय साफ करती हैं, शिक्षक संतोष तिवारी शौचालय सीट में पानी डालने के बहाने टॉयलेट साफ कराते हैं। छात्राओं ने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने गांव के अन्य लोगों से करनी चाही, लेकिन स्कूल की मैडम अमीता उन्हें डराती धमकाती हैं। कोई व्यक्ति स्कूल आता है और वह उससे कुछ बताना चाहती है तो मैडम आंख दिखाती है।