भोपाल। PM NARENDRA MODI ने अपनी महत्वाकांक्षी 'प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)' को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। नौकरशाहों (BUREAUCRATS) की इसमें रुचि बनी रहे इसलिए पीएम एक्सीलेंस अवार्ड की भी घोषणा की परंतु मध्यप्रदेश के कलेक्टर्स को इस अवार्ड में कोई रुचि ही नहीं है। PM EXCELLENCE AWARD 2018 के लिए जो रिपोर्ट अब तक सामने आई है, उससे पता चलता है कि मप्र के मात्र 7 कलेक्टरों ने इस अवार्ड के लिए अपना दवा पेश है। हालात यह हैं कि कलेक्टरों को इस कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए शासन स्तर से बार-बार चिट्ठी लिखनी पड़ी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन तो करा लिया पर अवार्ड के लिए दावा सिर्फ सात कलेक्टरों ने ही किया है। खास बात यह है कि प्रदेश का कोई भी ए और बी ग्रेड का बड़ा जिला इस दौड़ में शामिल नहीं है।
प्रदेश में हर व्यक्ति को मकान और जमीन देने का सपना देख रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि एक साल में पांच लाख मकान बनकर तैयार हो जाएं और जिनके पास मकान, भूमि नहीं है, उन्हें इसका हक मिले पर कलेक्टर इसको लेकर गंभीर नहीं है। इस अवार्ड के लिए आवेदन करने की तारीख भारत सरकार ने पहले 20 जनवरी तय की थी जिसे शनिवार को ही 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है। तय तिथि तक पीएम एक्सीलेंस अवार्ड में पीएम आवास योजना शहरी कैटेगरी के लिए आवेदन करने की जो स्थिति सामने आई है, उसमें आठ जिले ही चुने गए थे। इसमें से अवार्ड के लिए दावा सिर्फ सात जिलों ने ही किया है। इससे यह भी साफ होता है कि प्रदेश के बाकी 43 जिलों में इस योजना की स्थिति वैसी नहीं है जैसी सीएम चौहान चाहते हैं।
सिर्फ इन्होंने किया आवेदन
छतरपुर कलेक्टर रमेश भंडारी, छिंदवाड़ा कलेक्टर जेके जैन, धार कलेक्टर श्रीमन शुक्ला, झाबुआ कलेक्टर आशीष सक्सेना, सिंगरौली कलेक्टर अनुराग चौधरी, विदिशा कलेक्टर अनिल सुचारी, पश्चिम निमाड़ खरगौन कलेक्टर अशोक वर्मा शामिल हैं। सीहोर कलेक्टर तरुण पिथोड़े के आठ प्रपोजल इसमें शामिल थे पर वे अवार्ड के लिए उन्होंने आवेदन नहीं किया है।