भोपाल। मध्य प्रदेश के 51 जिलों के ग्रामीण क्षेत्र से सीधा संबंध रखने वाले ग्राम रोजगार सहायक संगठन अपनी मांगों को लेकर पिछली 29 नवंबर को विधानसभा घेराव के दौरान शक्ति प्रदर्शन कर शासन के दांत खट्टे करने की कोशिश की गई थी। जिसके बाद कई कयास लगाए गए परंतु ग्राम रोजगार सहायक संगठन की प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से किसी भी प्रकार की किसी बात पर सहमति नहीं बनने पर एक बार फिर उग्र आंदोलन का आगाज हो सकता है।
इसी संबंध में 9 जनवरी 2018 को प्रदेश की राजधानी में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक में संगठन कई निर्णय ले सकता है। जिसमें 2018 के विधानसभा चुनाव और हाल ही में मुगावली और कोलारस विधानसभा के चुनाव भी प्रभावित हो सके ऐसी योजना बनाई जा सकती है। संघ के अध्यक्ष रोशन सिंह परमार के नेतृत्व में यह बैठक आयोजित की गई है।
प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र परमार ने सभी जिला अध्यक्षों को इसकी सूचना जारी कर दी गई है और प्रदेश उपाध्यक्ष यशवंत बघेल के द्वारा सभी पदाधिकारी को इस बैठक में आने का निवेदन किया है। वहीं प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि हम अपना घर छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं लेकिन प्रदेश सरकार अब हमको मजबूर कर रही है इस बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे जिसका 2018 के विधानसभा चुनाव तक अनुसरण किया जाएगा।