भोपाल। भोपाल समाचार डॉट कॉम की खबर का एक और बड़ा असर हुआ है। पटवारी परीक्षा के दौरान फिंगर प्रिंट मामले में उम्मीदवारों को अकड़ दिखाकर भगाने वाला प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड अब दवाब में है। वो एक और परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है। इसमें उन सभी को परीक्षा देने का अवसर मिलेगा जिनके फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए थे। बता दें कि भोपाल समाचार ने हाल ही में बताया था कि पटवारी परीक्षा में 1.53 लाख उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्रों से भगा दिया गया और इसका खामियाजा शिवराज सिंह सरकार को चुनावों में उठाना होगा। (यहां पढ़ें: पटवारी परीक्षा: शिवराज सरकार को 5 लाख वोटों का नुक्सान)
इस खबर के वायरल होते ही सरकार के कान खड़े हो गए और अकड़े वाला पीईबी अब अपनी गलती सुधारने की तैयारी कर रहा है। केंद्रों से भगा दिए गए 1.53 लाख परीक्षार्थियों के लिए बोर्ड 10 जनवरी को दोबारा से परीक्षा आयोजित करेगा। इस बार बोर्ड इन परीक्षार्थियों की पहचान आई स्कैनर से करेगा।
बोर्ड द्वारा पटवारी के करीब 9500 पदों के लिए 9 से 29 दिसंबर तक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के लिए 10.20 लाख आवेदन आए थे। इनमें से 8.67 लाख आवेदकों ने परीक्षा दी और 1.53 लाख अनुपस्थित रहे। यह परीक्षा पहले ही दिन से विवादों में रही है। बोर्ड के अनुसार एेसे करीब 2500 परीक्षार्थी हैं जिनकी पहचान अंगूठे में पसीना आने या अन्य कारणों से नहीं हो सकी है। बोर्ड ने इन सभी के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराने का निर्णय लिया है।
बोर्ड के प्रवक्ता आलोक वर्मा के अनुसार 10 जनवरी को दोपहर 3 से शाम 5 बजे की शिफ्ट में यह परीक्षा भोपाल में होगी। इसके लिए 6 जनवरी को प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे। बताया जाता है कि अंगूठे से पहचान नहीं होने के कारण जो परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित रहे हैं उनमें से कुछ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है। हाईकोर्ट ने बोर्ड को आदेश जारी कर इन परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल करने काे कहा है।