मप्र: अब प्राइवेट स्कूलों की ग्रेडिंग करेगा शिक्षा विभाग | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने की चुनौती का सामना कर रहे शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों की ग्रेडिंग करने का फैसला किया है। इसके तहत शिक्षा विभाग यह बताएगा कि कौन सा PRIVET SCHOOL कितना अच्छा है और ​शहर का NUMBER 1 SCHOOL कौन सा है। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) पढ़ाई और सुविधाओं के आधार पर स्कूलों को GRADE देंगे। इससे अभिभावकों को बच्चों का प्रवेश करवाते समय स्कूल के चयन में आसानी होगी।

वर्तमान में प्रदेश में स्कूलों की ग्रेडिंग का कोई सिस्टम नहीं है। राजधानी सहित प्रदेशभर में 25 हजार से ज्यादा निजी स्कूल हैं। इनमें से करीब पांच हजार स्कूल पढ़ाई और अन्य गतिविधियों के मामले में अच्छे माने जाते हैं। इन स्कूलों में प्रवेश के लिए हर साल सिफारिशों का दौर चलता है, लेकिन एक-दो साल पढ़ाने के बाद अभिभावक बच्चों का स्कूल बदलने की कोशिशों में जुट जाते हैं। इसके लिए भी मंत्री और अफसरों से सिफारिश कराई जाती है। इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग मैदानी स्तर पर स्कूलों की ग्रेडिंग कराने की तैयारी कर रहा है। 

नए कानून में स्कूलों पर नियंत्रण करना होगा आसान 
राज्य शासन निजी स्कूलों की फीस और अन्य गतिविधियों पर नियंत्रण का कानून बना चुका है। इस कानून के तहत निजी स्कूलों की ग्रेडिंग करना आसान है, क्योंकि स्कूलों को इस कानून के तहत पढ़ाई और अधोसंरचना से जुड़ी तमाम जानकारी देना होगी।

ग्रेडिंग के पैमाने तय होंगे
एक आदर्श स्कूल के लिए तय मापदंड के आधार पर ग्रेडिंग के पैमाने तय होंगे। ग्रेड देने से पहले स्कूल का पांच से दस साल का परिणाम, पढ़ाई का स्तर, पढ़ाई की पद्धति, शारीरिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की स्थिति देखी जाएगी। शिक्षकों की योग्यता, उनके पढ़ाने का तरीका और बच्चों से उनके व्यवहार का भी परीक्षण किया जाएगा। ग्रेड देने के बाद स्कूलों की सूची विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।

फीस व अन्य गतिविधियों पर होगा नियंत्रण
विभाग का मानना है कि ग्रेडिंग होने से जहां स्कूलों की फीस और अन्य गतिविधियों पर नियंत्रण आसान हो जाएगा, वहीं अभिभावक को स्कूल की विशेषता पहले से पता होगी और उन्हें बार-बार स्कूल नहीं बदलना पड़ेगा। ज्ञात हो बार-बार स्कूल बदलने पर अभिभावकों को एडमिशन फीस और डोनेशन देना पड़ता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!