शिवपुरी। सीएम शिवराज सिंह ने आदिवासियों की सहरिया जनजाति को लाइम लाइट में ला दिया। इधर सहरिया समाज के बीच काम कर रहे एक सामाजिक संगठन 'सहरिया क्रांति' की वार्षिक 'सहरिया महापंचायत' में फैसला किया गया कि सहरिया महिलाएं अब राजनैतिक रेलियों का हिस्सा नहीं बनेंगी। महापंचायत में संकल्प पारित किया गया कि किसी भी राजनैतिक दल की रैली में सहरिया आदिवासी समाज की महिलाएं तब तक शामिल नहीं होंगी जब तक अन्य कथित ऊंचे समाज की महिलायें भी उस रैली में शामिल नहीं होतीं।
सहरिया क्रांति द्वारा कोलारस अनुविभाग के ग्राम सुनाज में नववर्ष 2018 के आगमन पर सहरिया महापंचायत का आयोजन किया गया। इस सहरिया महापंचायत में 105 से अधिक सहरानों के मुखिया एवं सहरिया समाज के महिला-पुरूष सम्मलित हुये और सभी ने समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों के खात्मे का संकल्प लिया। इस महापंचायत में लिये महत्वपूर्ण संकल्प में है कि अब राजनैतिक दलों की रैलियों में सहरिया आदिवासी समाज की महिलाऐं भीड़ का सामान बनकर नहीं जायेंगी।
महापंचायत में 7 अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर भी विचार विमर्श कर पंचनामा तैयार किया गया है। 6 घण्टे से अधिक चली सहरिया क्रांति की इस महापंचायत की खास बात यह रही कि सहरिया समाज के मुखियाओं ने सदियों से चली आ रही कुरीतियों पर खुलकर चर्चा की व उन्हें समूल नष्ट करने की शपथ ली। इस वर्ष सहरिया क्रांति की महापंचायत कोलारस अनुविभाग अन्तर्गत आने वाले ग्राम सुनाज में आयोजित की गई।