अब कांग्रेस में चलेगा बागियों को मनाने का अभियान | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। लगातार 15 साल सत्ता से बाहर रहने के बाद कांग्रेस का अहंकार अब टूटने लगा है। अब तक इलाकाई नेताओं को प्रभावहीन समझने वाली कांग्रेस अब उनके प्रभाव का महत्व समझने लगी है। इसी क चलते कांग्रेस छोड़कर गए बागी नेताओं को मनाने का अभियान शुरू यिका जा रहा है। कांग्रेस में इसे 'घर वापसी" अभियान नाम दिया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के दिग्गज नेताओं और अभा कांग्रेस के महासचिव प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की बैठक होने वाली है। बैठक के बाद रणनीति के तहत अभियान पर काम होगा।

पत्रकार श्री रवींद्र कैलासिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा चुनाव 2018 के लिए कांग्रेस ने अलग-अलग मुद्दों पर रणनीति बनाना शुरू कर दी है। कांग्रेस में रहे कई जनाधार वाले नेताओं को भाजपा से वापस लाने की रणनीति भी तैयार की जा रही है। इसके लिए प्रदेश प्रभारी महासचिव बाबरिया ने काम शुरू कर दिया है। अब अगले महीने प्रदेश के दिग्गज नेताओं के साथ बैठक करने वाले हैं। उनके सामने 'घर वापसी" अभियान पर चर्चा की जाएगी। 

सूत्र बताते हैं कि पार्टी का साथ छोड़कर जाने वाले नेताओं में से कुछ नामों को लेकर मौजूदा नेताओं की सहमति मिलने की उम्मीद कम जताई जा रही है। मगर पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं को आशा है कि कुछ नेताओं पर सभी नेताओं की एकराय बन जाएगी।

ये नेता कांग्रेस से भाजपा पहुंचे
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ा है। कुछ नेताओं ने तो ऐसे मौके पर पाला बदला जिससे पार्टी मुसीबत में खड़ी नजर आई थी। 2013 में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विधानसभा में उपनेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की घोषित सूची में शामिल डॉ. भागीरथ प्रसाद व सांसद राव उदयप्रताप सिंह के नाम कांग्रेस में प्रमुखता से लिए जाते हैं।

ये प्रमुख नेता जिन्होंने कांग्रेस छोड़ी
1. चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी
2. राव उदयप्रताप सिंह
3. डॉ. भागीरथ प्रसाद
4. संजय पाठक
5. सुदेश राय
6. दिनेश राय मुनमुन
7. मानवेंद्र सिंह
8. बालेंदु शुक्ल
9. परसराम मुद्गल
10. महेंद्र पटेल
11. निशीथ पटेल

पार्टी छोड़ गए नेताओं की वापसी पर चर्चा
कुछ लोग निजी राजनीति के कारण पार्टी छोड़कर चले जाते हैं लेकिन उन्हें समझ आ जाती है कि भाजपा में उनका सम्मान नहीं है। इसलिए जिस तरह 1962 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और यूपीए सरकार के समय सोनिया गांधी ने कई नेताओं को पार्टी में वापस लिया था, उसी तरह मप्र में काम करेंगे। 
दीपक बाबरिया, महासचिव, अभा कांग्रेस कमेटी व प्रदेश प्रभारी

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