भोपाल। अंतत: मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का पालन कर ही दिया जो सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में दिया था। इसके तहत यदि किसी प्रकरण में सरकार केस हार जाती है तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने कोर्ट केस में जिम्मेदारी तय करने वाली राज्य स्तरीय कमेटी का पुनर्गठन किया है, जो कोर्ट केस में लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय कर उन पर कार्रवाई की सिफारिश करेगी।
यह समिति न्यायालयीन प्रकरणों की प्रस्तुति में जांच और अभियोजन के संबंध में जिम्मेदारी निर्धारित करेगी। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक राज्य-स्तरीय समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति में संचालक लोक अभियोजन को सदस्य और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भोपाल को सदस्य सचिव बनाया गया है।
यह समिति कोर्ट से दोष मुक्त होने वाले प्रकरणों की प्रति माह दस तारीख तक समीक्षा करेगी। समीक्षा में जिन-जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की लापरवाही या त्रुटि तय सामने आएगी, उनके खिलाफ गृह विभाग से कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। गृह विभाग हर तीन माह में एक बार बैठक कर इस पर कार्रवाई करेगा। यह समिति विवेचना और अभियोजन अधिकारियों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम/कार्यक्रम में शामिल किए जाने वाले विषयों की भी समीक्षा करेगी और हर साल जनवरी के पहले सप्ताह में गृह विभाग को रिपोर्ट भेजेगी।