भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री अर्चना चिटनीस (MINISTER ARCHANA CHITNIS) उस समय विषम स्थिति का शिकार हो गईं जब वो वाल्मीकि समाज के उसी कार्यक्रम (MANDSAUR) में जबर्दस्त सामाजिक विरोध (PROTEST) का शिकार हुईं जिसमें वो मुख्य अतिथि बनकर गईं थीं। समाज के लोग मंच के चारों तरफ आ गए। मंत्री अर्चना चिटनीस ने मंच से बार-बार माफी मांगी तब कहीं जाकर स्थिति नियंत्रण में आ सकी। उन्होंने भरे मंच से कहा मैं भी एक महिला हूं, बेटी हूं, आपसे छोटी हूूं। आपसे कम बुद्धि और अनुभवहीन हो सकती हूं। चिटनीस को यहां तक कहना पड़ा कि मेरी वाल्मीकिजी के प्रति पूरी आस्था है। मुझसे मानवीय त्रुटि हुई होगी तो मुझ विष दे दो। इस दौरान उन्होंने समाज के एक व्यक्ति को मंच पर बुलाया और विधायक को हटाकर उनकी कुर्सी पर बिठाया। तब कहीं जाकर मंत्री को थोड़ी राहत की गई।
क्या था घटनाक्रम
मंदसौर में सोमवार को संजय गांधी उद्यान में वाल्मीकि महासभा का 13वां राष्ट्रीय महासम्मेलन का समापन हुआ। सुबह 11.30 बजे प्रभारी मंत्री अर्चना अतिथि के रूप में पहुंचीं। उन्होंने 1 बजे संबाेधित करना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने इतिहास की भी बातें की। इसमें समाज के आराध्य वाल्मीकि को डाकू बताया। इसके साथ ही समाज को आरक्षण की आवश्यकता नहीं होने की बात कही। इससे दिल्ली से आए समाज के डॉ. ओपी शुक्ला व सुरेंद्रसिंह चौहान नाराज हो गए। उन्होंने प्रभारी मंत्री का विरोध किया। इसके बाद समाजजन मंच के पास पहुंच गए और नाराजगी जताई।
मंत्री ने बार बार माफी मांगी
काफी हंगामा के बाद प्रभारी मंत्री ने गलती मानी। उन्होंने कहा कि यदि जुबाल फिसल गई और बोलने में कुछ निकल गया हो तो मैं माफी चाहती हूं। अनुभवहीन हो सकती हूं पर आपसे जुड़ना चाहती हूं। वाल्मीकि सबके हैं। इसके बाद उन्होंने समाज के ही सुरेंद्रसिंह चौहान को मंच पर बुलाया और विधायक सिसौदिया को कुर्सी से हटने को कह दिया। उन्होंने कहा कि मानवीय त्रुटि की वजह से यदि समाज को बुरा लगा हो तो मुझे विष दे दो। संचालन कर रहे समाज के राष्ट्रीय महामंत्री रामगोपाल राजा ने कहा कि हम आपको विष देंगे पर वह अंग्रेजी वाला होगा। इसके बाद समाजजन के गुस्सा थमा और मामला शांत हो गया। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष प्रियंका गोस्वामी भी मंचासीन थीं।