
छात्रों ने महिलाओं के मुंडन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार एक तरफ आदि गुरु शंकराचार्य की एकात्म यात्रा निकाल रही है, वहीं दूसरी ओर गुरुओं को अपमानित कर रही है। उन्होंने कहा कि छात्र गुरुओं का अपमान बर्दाश्त नही करेंगे। सरकार की तरफ से अब तक इस मामले में कोई बयान नहीं आया है।
मध्यप्रदेश में अध्यापकों का समान वेतन और शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग काफी पुरानी है। करीब 5 साल पहले सीएम शिवराज सिंह ने अध्यापक नेता मुरलीधर पाटीदार को भाजपा का टिकट देकर अध्यापकों का आंदोलन तोड़ दिया था। तब से भाजपा सरकार लगतार अध्यापकों की एकता को खंडित करने में कामयाब रही है लेनिक अब मुंडन के बाद माहौल बदल गया है। एक बार फिर सरकार कटघरे में है।