भोपाल। PROFESSIONAL EXAMINATION BOARD (VYAPAM) में विशेषज्ञों की योग्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं। पिछले कुछ समय में ऐसे काम हो रहे हैं जो पीईबी के अधिकारियों को अयोग्य करार देते हैं। ऐसा ही एक मामला है मप्र पुलिस की सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा (MP POLICE SI RECRUITMENT EXAM)। पीईबी ने इसमें आरक्षण नियमों (RESERVATION RULES) का पालन ही नहीं किया और परिणाम घोषित कर दिए। शिकायतकर्ताओं को पहले दबाने की कोशिश की लेकिन जब मामला जोर पकड़ गया तो अपनी गलती मान ली। सवाल यह है कि गलती करने वालों को अब तक सस्पेंड क्यों नहीं किया गया। कहीं यह भी तो कोई साजिश नहीं थी। खुल गई तो गलती मान ली।
611 सब इंस्पेक्टर के खाली पदों पर 26 अक्टूबर 2017 को पीईबी ने परीक्षा आयोजित की। 24 दिसंबर को घोषित परिणामों में 15 प्रतिशत पद यानि 91 पद छह साल से अधिक पुलिस विभाग में सेवाएं दे चुके पुलिसकर्मियों के लिए आरक्षित थे, लेकिन बोर्ड ने बिना आरक्षण के ही परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। तय नियमों के तहत फिजीकल टेस्ट के लिए पांच गुना ज्यादा परीक्षार्थियों को बुलाना था। इसमें से मैरिट लिस्ट तैयार की जानी थी। इस आधार पर 450 परीक्षार्थियों को इसमें शामिल किया जाना था।
पीईबी ने ऐसे की गड़बड़ी
पदों के आवेदन फार्म में दो कॉलम दिए थे। इनमें परीक्षार्थी को निशान लगाकर चिंहित करना था। पहले कॉलम में लिखा कि क्या आप पुलिसकर्मी हैं? और दूसरे में क्या पुलिस विभाग में आपकी सेवा को छह साल हो गए है लिखा गया। बोर्ड ने पहले कॉलम के आधार पर ही परिणाम घोषित कर दिया। जबकि दूसरे कॉलम में दी गई जानकारी के तहत रिजल्ट तैयार किया जाना था। यही नहीं बोर्ड ने आवेदन फार्म की जांच भी नहीं की।
पीईबी के प्रवक्ता बोले: गलती हुई है, हम ठीक करेंगे
पीईबी में शिकायत करने पहुंचे पुलिसकर्मियों (परीक्षार्थी) से बातचीत करने के लिए बोर्ड के प्रवक्ता आलोक वर्मा पहुंचे। इस दौरान उन्हें पूरी गड़बड़ी से अवगत कराया गया। वर्मा ने माना कि बोर्ड से फार्म में दिए कॉलम के कारण गलती हुई है। फार्म में सिर्फ एक ही कॉलम की आवश्यकता और फार्म की जांच भी की जानी थी। उन्होंने फिजीकल टेस्ट के पहले समस्या के हल निकालने का आश्वासन दिया है।