नई दिल्ली। मप्र में महिला अध्यापकों के मुंडन के कारण दवाब में आई सरकार ने 20 साल पुरानी उन मांगों को भी स्वीकार कर लिया जिन्हे पूरा करना अब तक असंभव कहा जा रहा था। अब इस ट्रिक को सफलता का शॉर्टकट मान लिया गया है। मध्यप्रदेश में ही महिला संविदा कर्मचारियों ने मुंडन का ऐलान किया है तो उत्तरप्रदेश में परिषदीय स्कूलों में मौलिक नियुक्ति की मांग पूरी न होने पर प्रशिक्षु महिला शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि 10 दिन में मौलिक नियुक्ति का आदेश जारी नहीं हुआ तो वे भी अपने सिर मुड़वा लेंगी। बुधवार को कुछ पुरुष शिक्षकों ने मुंडन कराया।
इससे पहले शिक्षा निदेशालय पर कई दिनों प्रदर्शन करने के बाद प्रशिक्षु शिक्षकों ने मानव श्रृंखला बनाई थी। मंगलवार को सिविल लाइंस में भिक्षा मांगकर अपना विरोध दर्ज कराया था। बुधवार को शिक्षा निदेशालय प्रांगण में विरोध प्रदर्शन के दौरान सचिन बालियान, प्रवीण, सोहनलाल, श्याम आदि ने सिर मुड़वाया। इन सभी का नेतृत्व कर रहे संदीप पांडेय ने बताया कि मौलिक नियुक्ति की मांग वे सभी पांच महीने से कर रहे हैं, जबकि नियमानुसार उन्हें एक महीने में मौलिक नियुक्ति मिलनी चाहिए थी।
बताया कि वे प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 भर्ती के अंतर्गत 2016 में चयनित नौवें बैच के 803 प्रशिक्षु शिक्षक हैं। जिन्हें 28 जिलों में चयन किया गया था। सभी अपना छह महीने का प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से कराई गई लिखित परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं जिसका परिणाम 30 अगस्त 2017 को घोषित हुआ था। कहा कि सभी अर्हता पूरी करने के बावजूद वे सड़क पर ठोकरें खा रहे हैं और उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही है। चेतावनी दी कि मौलिक नियुक्ति का आदेश जारी नहीं हुआ तो आंदोलन में सरकार को और भी कड़े तेवर का सामना करना होगा।