भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा (STATE SERVICE EXAM) 2018 में 202 पद जारी किए हैं परन्तु MPPSC ने केवल तीन पद दिव्यांगों के लिए आरक्षित किए जो सर्वथा गलत है। नियमानुसार कुल 12 पद जिनमें 4-4 पद अस्थि बाधित, श्रवण बाधित, दृष्टि बाधित के लिए RESERVE होने चाहिए थे। अपना आरक्षण चोरी हो जाने से दिव्यांग उम्मीदवार (DISABLED APPLICANT) ना केवल आक्रोशित हैं बल्कि राज्य सेवा परीक्षा 2018 प्रक्रिया को HIGH COURT में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने लोक सेवा आयोग को आवेदन किया है कि वो त्रुटिसुधार करें, अन्यथा न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण ली जाएगी एवं परीक्षा प्रक्रिया रोकने के लिए याचिका (PETITION) दायर की जाएगी।
पीड़ित उम्मीदवारों ने भोपाल समाचार को बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 31 मार्च 2005 जारी करते हुए पूर्व में आरक्षित किए गए रोस्टर के बिन्दुओं को निरस्त करते हुए तीन खण्ड बनाए हैं। अतः निःशक्तजनों को जो भी पद विज्ञापित किए गए वह वर्गवार ना होकर निःशक्तजनों की श्रेणीवार (अस्थि बाधित/श्रवणबाधित/दृष्टिबाधित) हों। इस प्रक्रिया में जिस वर्ग के उम्मीदवार चयनित होगें उन्हे रोस्टर में संबंधित वर्ग के रिक्त बिन्दुओं पर अंकित किया जाएगा।
जिसमें दिव्यांगों को मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रषासन विभाग के परिपत्र क्रं.एफ 8-2/2013/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक 30.06.2014 के अनुसार निःशक्तजनों के लिए 6 प्रतिशत हॉरिजोन्टल आरक्षण दिया गया है और उसमें भी अस्थि बाधित, श्रवण बाधित, दृष्टि बाधित के लिए 2-2 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। अतः दिव्यांग आवेदकों नें अनुरोध किया है कि वह 6 प्रतिशत नियमानुसार आरक्षण दें, नहीं तो दिव्यांग आवेदकों को अपने हक के लिए उच्चन्यायालय का दरवाजा खटखटानें के लिए बाध्य होना पड़ेगा।