नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल से जले अन्ना हजारे अब आंदोलन को सफल बनाने से ज्यादा इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि कहीं इस आंदोलन से फिर कोई ARVIND KEJRIWAL पैदा ना हो जाए। हालात यह हैं कि ANNA HAZARE ने फैसला किया है कि उनके आंदोलन में शामिल होने वालों से AFFIDAVIT भरवाया जाएगा। जिसमें वो घोषणा करेंगे कि वो भविष्य में कभी भी POLITICS JOIN नहीं करेंगे। बता दें कि भारत में लगभग हर सामाजिक आंदोलन से नेताओं का जन्म होता रहा है। कमोवेश भारत की राजनीति का जन्म ही आंदोलन से हुआ है परंतु अन्ना हजारे इस परंपरा को बदलना चाहते हैं।
केजरीवाल CM नहीं बन पाते
अन्ना के करप्शन विरोधी आंदोलन के दौरान केजरीवाल उनके सबसे करीबी साथी रहे। अन्ना कई मौकों पर केजरीवाल को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान मंगलवार रात अन्ना ने एक बार फिर केजरीवाल की आलोचना की। कहा- अब जो एफिडेविट मैं साइन कराने जा रहा हूं। अगर वैसा ही पहले कराया होता तो आज केजरीवाल ना तो सीएम बन पाते और ना मिनिस्टर।
अन्ना की VOLUNTEERS के लिए नई शर्तें
अन्ना ने कहा- ऐसे लोग जिनका कैरेक्टर अच्छा होगा, समाज में इज्जत होगी और जो देश के लिए कुर्बानी देने को तैयार होंगे। वो लोग ही अब मेरे आंदोलन का हिस्सा बन पाएंगे। ऐसे लोगों को एक शपथ पत्र पर दस्तखत करने होंगे। इसमें साफ लिखा होगा कि वो भविष्य में किसी पॉलिटिकल पार्टी में शामिल नहीं होंगे। चुनाव नहीं लड़ेंगे। वो सिर्फ आंदोलन का हिस्स होंगे जो देश और समाज को एक नई दिशा देगा।
23 मार्च को रैली करेंगे
अन्ना ने आगे कहा- मैं 23 मार्च को नई दिल्ली में एक रैली करूंगा। उन्होंने किसानों की हालत पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस देश में पिछले 22 साल में करीब 12 लाख किसान खुदकुशी कर चुके हैं। अब तक जितनी भी सरकारें आईं वो किसानों की परेशानियों को दूर नहीं कर सकी हैं। अन्ना ने कहा कि वो हाल के कुछ दिनों में ओडिशा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, असम, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक का दौरा कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याएं जानने के लिए कई लोगों से बातचीत की।