नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा के लिए संजय सिंह, एन डी गुप्ता और सुशील गुप्ता के नाम पर मुहर लगा दी। इसी के साथ केजरीवाल की ईमानदारी पर सवाल उठना शुरू हो गए। यह पहली बार है जब केजरीवाल की ईमानदारी पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कपिल मिश्रा ने तो यहां तक कि केजरीवाल ने राज्यसभा के लिए लीडर नहीं डीलर को चुना है।
कपिल मिश्रा के मुताबिक पार्टी ने जो नाम चुने हैं वो ना तो आम आदमी है, ना ही आंदोलनकारी हैं, ना तो पार्टी के कोई कार्यकर्ता। ये तो बड़े-बड़े पैसे वाले लोग हैं जिनसे अरविंद केजरीवाल की डील हुई है। आम आदमी पार्टी ने किसी लीडर को नहीं बल्कि डीलर को राज्यसभा के लिए चुना है। ये पहली बार है कि इनमें से कोई दलित समाज का व्यक्ति नहीं है, कोई अल्पसंख्यक समुदाय का कोई व्यक्ति नहीं है, कोई कार्यकर्ता नहीं है। इन नामों पर लगी मुहर से आज रामलीला मैदान के उस आंदोलन की मौत हो गई जिसमें खड़ा करने में एक एक कार्यकर्ता ने अपना जीवन लगा दिया।
राज्यसभा के लिए आम आदमी पार्टी ने जिन नामों को चुना उसे कपिल मिश्रा ने एक बड़ी गलती करार देते हुए कहा की पैसों के बदले इन लोगों को टिकट दिया गया जबकि पार्टी में कुमार विश्वास, स्वाति मालीवाल, आशुतोष, मीरा सान्याल जैसे कई नाम थे। जिन्होंने जमीन पर कार्यकर्ताओं के बीच काम किया। समाज की बेहतरी के लिए काम किया. कुमार विश्वास और स्वाति मालीवाल करोड़ों रुपए नहीं दे सकते थे, इसलिए एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता के साथ डील की गई।
भ्रष्टाचार पर मौन ना रहे कुमार विश्वास
राज्यसभा के लिए कुमार विश्वास के नाम की चर्चा भी जोरों पर थी, लेकिन अब जब कुमार विश्वास राज्यसभा की रेस से बाहर हो गए हैं तो कपिल ने उन्हें सलाह दे डाली। कपिल ने कहा की हमें पता था की कुमार भाई के साथ ये पार्टी ऐसा ही करेगी। अरविंद केजरीवाल ऐसे दुर्योधन हैं जो कर्ण का भी वध कर दें। मिश्रा ने कुमार विश्वास से अपील है की सरकार और पार्टी के भ्रष्टाचार के जितने भी राज उन्होंने अपने अंदर रखें हैं, उसे जनता के सामने रखें। यही जनता और आंदोलन के साथ न्याय होगा।