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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ही फिल्म को 25 जनवरी को रिलीज करने को हरी झंडी दिखाते हुए राजस्थान सहित चार राज्यों में इस पर रोक लगाए जाने को गलत ठहराया था। उसी के बाद से राजपूत समाज में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। करणी सेना सहित विभिन्न राजपूत संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद प्रदेश में फिल्म के प्रदर्शन का विरोध करने का ऐलान किया है। करणी सेना के लोकेन्द्र सिंह कालवी और सुखदेव गोगामेड़ी ने फिल्म के प्रदर्शन का विरोध किया है।
कालवी का कहना है कि राजस्थान के छविगृह मालिकों ने पहले ही हमें लिखकर दे रखा है कि वे अपने यहां फिल्म को प्रदर्शित नहीं करेंगे। इसके बावजूद अगर वे फिल्म प्रदर्शित करते हैं तो हम ‘जनता कर्फ्यू’ से इसे रोकेंगे। करणी सेना ने कहा है कि वह इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की डबल बेंच में याचिका दायर कर फिल्म पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग भी करेगी।
एक वीडियो संदेश में संगठन के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए वे लोग राष्ट्रपति से मिलने की कोशिश भी करेंगे। उन्होंने कहा कि वे इस फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देंगे।महिलाओं ने उनसे दो कदम आगे आकर विरोध जताया है। राजपूत सभा की सदस्य हेमेन्द्र कुमारी एवं रामवती कंवर ने फिल्म के प्रदर्शन को राजपूतों का अपमान बताया और कहा कि अब वे जौहर नहीं करेंगी बल्कि फिल्म बनाने वाले संजय लीला भंसाली को ही जौहर कराएंगी यानी उसका पुतला जलाएंगी।
दोनों का कहना था कि फिल्म पर रोक लगाने के लिए राजपूत महिलाओं का एक शिष्टमंडल जल्द ही दिल्ली जाकर राष्ट्रपति से मिलेगा और राजपूतों के इतिहास से छेड़छाड़ करने वाली फिल्म पर रोक लगाने का अनुरोध करेगा।