नई दिल्ली। CONTROVERSIAL FILM PADMAVAT का प्रदर्शन रोकने के लिए गुजरात सरकार ने फिल्म पर बैन लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस BAN को अमान्य घोषित कर दिया तो अब MULTIPLEX ASSOSIATION ने टांग अड़ा दी है। एसोसिएशन ने कहा कि वो GUJARAT राज्य में फिल्म का प्रदर्शन (SCREENING) नहीं करेंगे। बता दें कि संजय लीला भंसाली की इस फिल्म का शुरूआत से ही विरोध हो रहा है। इधर मध्यप्रदेश व राजस्थान की सरकारों ने कहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा करेंगी। अक्षय कुमार ने फिल्म पद्मावत के लिए अपनी फिल्म PADMAN की रिलीज डेट आगे बढ़ा दी है।
गुजरात मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के राकेश पटेल ने एएनआई से कहा, 'हमने गुजरात में कहीं भी फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं करने का फैसला लिया है। हर कोई डरा हुआ है। मल्टीप्लेक्स नुकसान से नहीं उठाना चाहते हैं। आखिर हम नुकसान उठाए ही क्यों। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पहले ही फिल्म पर प्रतिबंध का ऐलान किया था। राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे तीन अन्य राज्यों ने भी पद्मावत की स्क्रीनिंग को बैन कर दिया था। हाल ही में निर्माताओं की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के बैन को असंवैधानिक करार दे दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सम्बंधित राज्यों में फिल्म की स्क्रीनिंग की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन अब सिनेमाघर संचालकों के इस कदम से भंसाली की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। हो सकता है कि विरोध और हिंसा के डर की वजह से दूसरे राज्य भी पद्मावत को लेकर कोई ऐसा ही फैसला ले लें। हालांकि बैन लगाने वाले राज्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैरान नजर आए और कहा कि कोर्ट ने उनकी चिंताओं और पक्ष को नहीं सुना। हरियाणा और राजस्थान की सरकार ने कहा कि हमारे भी कुछ अधिकार हैं।
गुजरात में भी राजस्थान की तरह सबसे ज्यादा फिल्म का विरोध देखने को मिल रहा है। अहमदाबाद में महाकाल सेना के अध्यक्ष संजय सिंह राठौर ने आज तक से कहा भी था कि वो लोग हर हाल में फिल्म की स्क्रीनिंग रोकेंगे। करणी सेना ने भी कुछ ऐसी ही धमकी दी है। संजय सिंह ने कहा था, 'डेढ़ साल से आंदोलन चल रहा है। किसी भी हालत पर ये फ़िल्म गुजरात में नहीं चलने देंगे। सरकार, फ़िल्म प्रोड्यूसर के बीच लुका-छिपी का खेल चल रहा है। मैं गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री से विनती करता हूं लुका-छिपी के खेल से हमें हथियार पकड़ने कि लिए मजबूर न करें।